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ग्रामीणों को लगाया 50 करोड़ का चूना, भटक रहे एजेंट, जानें क्या है मामला

locationबिलासपुरPublished: Jan 25, 2018 02:06:31 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

संचालक और निदेशक बोरिया बिस्तर समेटकर भाग गए। निवेशकों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।

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बिलासपुर . निवेशकों को साहूकार बनाने का झांसा देकर 50 करोड़ रुपए जमा कराने के बाद चिटफंड कंपनी (इन्फ्राहोम कार्पोरेशन लिमिटेड) के संचालक और निदेशक बोरिया बिस्तर समेटकर भाग गए। निवेशकों की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है। कोटा पुलिस के अनुसार, ग्राम अमाली निवसी रतिराम पिता दूजराम यादव मेन रोड कोटा में निर्मल इन्फ्राहोम कार्पोरेशन लिमिटेड में एजेंट के रूप में काम करता था। कंपनी के सीएमडी अभिषेक एस चौहान, निदेशक, हरीश शर्मा, एपीएन मुंशी, एसएस राठौर, पीएस चौधरी निरंजन सक्सेना, सारिका बटस्कर, लखन सोनी और निर्मला देवी चौहान ने कंपनी शुरू करने के दौरान रतिराम समेत करीब 10 हजार लोगों को कंपनी का एजेंट बनाया था। कंपनी ने लोगों को कंपनी में रकम जमा करने पर डिवेंचर सर्टिफिकेट देने की जानकारी दी। लोगों को बताया गया था कि उनके पैसे से कंपनी व्यापार करेगी और होने वाले लाभ को डिवेंचर सर्टिफिकेट के अनुसार, निवेशकों में बांट देगी। कंपनी के सीएमडी और निदेशकों के झांसे में आकर एजेंट ने हजारों ग्रामीणों को कंपनी में रकम जमा करने के लाभ की जानकारी देकर वर्ष 2013 तक 50 करोड़ रुपए जमा कराए थे।
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वर्ष 2014 में सेबी द्वारा डिवेंचर लेने पर प्रतिबंध लगाया तो निवेशक कंपनी के खिलाफ शिकायत करने लगे। कंपनी के सीएमडी, निदेशक और ब्रांच मैनेजर पकड़े जाने के डर से वर्ष 2014 में बोरिया बिस्तर समेटकर फरार हो गए थे। कंपनी में 30 हजार निवेशकों ने लगभग 50 करोड़ रुपए जमा किए थे। रतिराम व अन्य एजेंटों की शिकायत पर पुलिस ने कंपनी के सीएमडी और निवेशकों समेत 9 के खिलाफ धारा 420, 34, निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2015 की धारा 10 व धन परिचालन अध्यिानियम 1978 की धारा 4, 5, 6 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
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7 राज्यों में खोली कंपनी: रतिराम ने पुलिस को बताया कि सीएमडी अभिषेक एस चौहान ने प्रदेश के सुरजपुर, बलौदाबाजार, भानुप्रतापपुर, धमतरी, गीदम कांकेर, कोरबा महासमुंद, रायगढ, रायपुर , राजनांदगांव, सरईपाली, शिवरीनारायण और तिल्दा में ऑफिस खोला था। 10 हजार से अधिक एजेंट बनाकर हजारों निवेशकों से 50 करोड़ रुपए कंपनी में जमा कराए थे। छत्तीसगढ़ के अलावा उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उडीसा, राजस्थान और हरियाणा में भी लोगों से डिवेंचर सर्टिफिकेट के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी की गई है।

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