बिलासपुर

शहरवासियों ने बढ़ाए मदद के हाथ, बेटी की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जुटाए 1 लाख 22 हजार रुपए

हैदराबाद से बिलासपुर तरफ आशा भरी नजरों से देख रहा मुंगेली का गरीब परिवार

बिलासपुरMay 13, 2019 / 07:47 pm

Murari Soni

शहरवासियों ने बढ़ाए मदद के हाथ, बेटी की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए जुटाए 1 लाख 22 हजार रुपए

.मुंगेली क्षेत्र के गरीब पिता की बेटी का 24 मई को हैदराबाद के कान्टीनेंटल हॉस्पिटल में ऑपरेशन होना है
.पिता के 7755800961 मोबाइल नंबर पर संपर्क कर सक ते हैं

बिलासपुर. किडनी ट्रांसप्लांट के लिए हैदराबाद से बिलासपुर तरफ आशा भरी नजरों से झांक रहे मुंगेली के गरीब परिवार के लिए सोमवार को राहत भरी खबर आई है। पत्रिका के पाठकों व शहर के व्यापारियों ने बिना नाम ओपन किए करीब 1 लाख 22 हजार रुपए की राशि बेटी के चाचा को सौंप दी है। अभी भी कुछ राशि जुटाने शेष है, लकड़ी के पिता को उम्मीद है कि लोग मदद के हाथ बढ़ाएं और 24 मई के पहले तक ऑपरेशन के लिए जरुरी पैसों का इंतजाम हो जाएगा।

गरीब परिवार को शहरवासियों का मिला सहारा:
बेटी को बचाने की इस मुहिम में पत्रिका के पाठकों और शहर के जागरुक लोगों ने इसके पहले करीब 40 हजार रुपए की आर्थिक मदद पिता को की। सोमवार को बिलासपुर की सामाजिक संस्थाओं और समाज के संगठनों ने 1 लाख 22 हजार रुपए दिए हैं। अन्य लोग भी गरीब पिता को फोन करके धैर्य बंधा रहे हैं।

24 मई के पहले अभी भी जुटाने हैं पौने दो लाख रुपए:
मुंगेली के ग्राम गांधीनगर निवासी श्रीरामचंद्र मिश्रा की बेटी की एक किडनी खराब है। डॉक्टरों ने कहा कि बेटी की जिंदगी बचानी है तो किडनी ट्रांसप्लांट कराना जरुरी है। बच्ची का ऑपरेशन कान्टीनेंटल अस्पताल हैदराबाद में 24 मई को होना है। ऑपरेशन के लिए करीब 8 लाख रूपए का खर्चा आ रहा है। जिसमें से सरकारी सहायता और डॉक्टर व सामाजिक संस्थाओं की मदद मिलाकर करीब 6 लाख रूपए की व्यवस्था सोमवार तक हो चुकी है लेकिन अभी भी करीब पौने दो लाख रुपए परिवार को जुटाने हैं।

डॉक्टर बनी भगवान, मासूम को नया जीवन देने का प्रयास:
दो वर्षों से बेटी फ़ोर्टिस हॉस्पिटल दिल्ली में वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर साधना अग्रवाल के यहां उपचार करवा रही थी। अब वह क्रोनिक रीनल फ़ेलियर की स्थिति में है। ऐसे में उसका किडनी ट्रॉसप्लांट किया जाना ही उसकी जान बचा सकता है। डॉक्टर को पता चला कि गरीब परिवार किसी भी हालत में 8 लाख रुपए नहीं जुटा सकता तो उन्होंने स्वयं से कुछ पैसे जुटाए, डॉक्टर ने अपनी समाज से चंदा जुटाया। 22 दिनों तक हैदराबाद में बेटी व बेटी के परिवार की व्यवस्था करवाई है। बेटी की शादी शुदा बड़ी बहन अपनी एक किडनी दे रही है।
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