इस मामले में सिम्स प्रबंधन का कहना है कि वार्डों को फिर से पहले की तरह चालू करने की कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा सिम्स को कोरोना अस्पताल घोषित नहीं किया गया है लेकिन यहां प्रतिदिन कोरोना की जांच होती है। इसके अलावा कोरोना के संदिग्ध और और पॉजिटिव मरीजों की भर्ती भी की जा रही है। दोनों जगह पर डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।
यहां के 100 से अधिक कर्मी कोरोना की चपेट में भी आ चुके हैं। दूसरी ओर सिम्स के 10 वार्ड को बंद कर दिया गया है। अब दिक्कत यह है कि जांजगीर चांपा, कोरबा, मुंगेली, मरवाही, पामगढ़ सहित अन्य जगह के मरीज सीधे यहां आते हैं। जिसके कारण दिनों दिन यहां की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस मामले में सिम्स प्रबंधन सभी बंद वार्डों को पूर्व की तरह चालू करने की कोशिश कर रही है एेसा माना जा रहा है एक सप्ताह के अन्दर अधिकांश वार्डों को चालू कर लिया जाएगा।
सिम्स के बंद वार्डो को चालू करने की कोशिश चल रही है। वार्ड बंद होने से समस्या बढ़ती जा रही है।
-डॉ. आरती पाण्डेय, पीआरओ सिम्स