बिलासपुर

सिम्स के 10 वार्ड 9 महीने से बंद, मजबूरी में निजी अस्पताल की जा रहे हैं मरीज

इस मामले में सिम्स प्रबंधन का कहना है कि वार्डों को फिर से पहले की तरह चालू करने की कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा सिम्स को कोरोना अस्पताल घोषित नहीं किया गया है लेकिन यहां प्रतिदिन कोरोना की जांच होती है। इसके अलावा कोरोना के संदिग्ध और और पॉजिटिव मरीजों की भर्ती भी की जा रही है।

बिलासपुरDec 05, 2020 / 12:10 am

Karunakant Chaubey

बिलासपुर. संभाग का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल सिम्स के 10 वार्ड पिछले नौ महीने से बंद है। आलम यह है कि ईएनटी, कैंसर यूनिट, मनोरोग विभाग, मेल सर्जिकल, फीमेल सर्जिकल, आई वार्ड, लेबर ओटी, मेजर ओटीपी सहित अन्य वार्ड में ताला लटक रहा है। दूसरी ओर डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय, सफाईकर्मी सहित 165 से अधिक कर्मचारियों की कोरोना ओपीडी और आइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी लगा दी गई है।

इस मामले में सिम्स प्रबंधन का कहना है कि वार्डों को फिर से पहले की तरह चालू करने की कोशिश की जा रही है। सरकार द्वारा सिम्स को कोरोना अस्पताल घोषित नहीं किया गया है लेकिन यहां प्रतिदिन कोरोना की जांच होती है। इसके अलावा कोरोना के संदिग्ध और और पॉजिटिव मरीजों की भर्ती भी की जा रही है। दोनों जगह पर डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वाय सहित अन्य कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है।

यहां के 100 से अधिक कर्मी कोरोना की चपेट में भी आ चुके हैं। दूसरी ओर सिम्स के 10 वार्ड को बंद कर दिया गया है। अब दिक्कत यह है कि जांजगीर चांपा, कोरबा, मुंगेली, मरवाही, पामगढ़ सहित अन्य जगह के मरीज सीधे यहां आते हैं। जिसके कारण दिनों दिन यहां की स्थिति बिगड़ती जा रही है। इस मामले में सिम्स प्रबंधन सभी बंद वार्डों को पूर्व की तरह चालू करने की कोशिश कर रही है एेसा माना जा रहा है एक सप्ताह के अन्दर अधिकांश वार्डों को चालू कर लिया जाएगा।

सिम्स के बंद वार्डो को चालू करने की कोशिश चल रही है। वार्ड बंद होने से समस्या बढ़ती जा रही है।

-डॉ. आरती पाण्डेय, पीआरओ सिम्स

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