ढाई सौ करोड़ खर्च, न नालों का कचरा हटा न बने ड्रेनेज, जाम नालों से बढ़ी मुश्किलें (destruction by flood)
बारिश का कहर: रातभर लोगों को जागकर काटनी पड़ी रात, दो दिन की बारिश में डूब गया शहर
बिलासपुर. नगर निगम के एसडब्ल्यूडी (स्टार्म वॉटर ड्रेनेज) रिपोर्ट के मुताबिक 6 साल में नाले-नालियों के निर्माण के लिए पानी की तरह 250 करोड़ रुपए बहाने के बावजूद शहरवासियों को जलभराव की समस्या से निजात नहीं मिल सका। चुनावी साल रहा, सरकार बदल गई, परंतु बिलासपुर के हालात और समस्या नहीं बदले। सावन माह के गुरुवार को पहली बार हुई झमाझम बारिश से शहर की सडक़ें नदी में तब्दील हो गईं। (bilaspur chhattisgarh news) नाले-नालियों का पानी दिशा बदलकर सडक़ों और घरों में तांडव मचाता रहा।
बुधवार की रात से हो रही बारिश ने शहर के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। लगभग सात किलोमीटर के दायरे में फैला बिलासपुर के सभी मोहल्ले में पानी ही पानी नजर आया। (nagar nigam bilaspur) पानी का स्तर बढ़ता देख लोगों की धडकऩें भी बढऩे लगी थी। घरों में पानी घुसने से लोगों को रतजगा करना पड़ा और बारिश बंद होने के लिए भगवान से लोग प्रार्थना करते रहे। जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू, नगर निगम आयुक्त प्रभाकर पांडेय, विधायक शैलेश पांडेय के निवास में भी पानी घुस गया। (loss after heavy rain) वहीं एसईसीएल इंदिरा विहार कॉलोनी में भी पानी घुसा रहा, जिससे लोग परेशान रहे। नगर निगम के एडब्ल्यूडी की रिपोर्ट को देखें तो सन् 2011-12 से लेकर वर्ष 2017-18 तक शहर के विभिन्न इलाकों में पानी निकासी और बरसा जल के भराव से शहरवासियों को निजात दिलाने के लिए निगम प्रशासन ने 250 करोड़ की लागत से नाले-नालियों का निर्माण कराया है। (rain caused problems) इसके बावजूद गुरुवार को सावन में पहली बार हुई झमाझम बारिश से शहरवासियों को जलभराव की स्थिति का सामना करना पड़ा। (house flooded after rain) बारिश का पानी नाले-नालियों से दिशा बदलकर सडक़ों पर बहने लगा और सडक़ों की हालत नदी की तरह हो गई।