राज्य शासन ने प्रदेश के 4330 स्कूलों को डीजी दुनिया कार्यक्रम के तहत डीजिटल करने का निर्णय लिया है। योजना के अनुसार बिलासपुर जिले के 280 स्कूलों को स्मार्ट क्लास की श्रेणी में रखा गया है। डीजिटल क्लास का थीम ब्लेकबोर्ड से की बोर्ड की ओर रखा गया है। शासन की मंशा है प्रदेश के बच्चों को अब आधुनिक शिक्षा से जोड़ा जाए इसके लिए बच्चों को अब कॉपी व पुस्तक खरीदने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। स्कूल पहुंचने के बाद बच्चों की पढ़ाई शुरु होगी। वह भी उनकी सुविधा के अनुसार अगर बच्चों को थ्योरी के माध्मय से किसी प्रश्न का उत्तर समझ में नहीं आ रहा है उसका जवाब बच्चों को प्रोजेक्टर में वीडियों के माध्मयम से समझाया जाएगा। इसके बाद भी अगर किसी बच्चे को समझ में नहीं आएगा तो उसे दुबारा व तिसरी बार भी समाझने का प्रयास किया जाएगा। परियोजना किस तरह क्रियांवित होती इसके लिए वर्तमान में मास्टर ट्रेनर तैयार किए जा रहे है जो स्कूलों में शिक्षकों को प्रोजेक्टर व लैपटॉप से पढ़ाने की ट्रेनिंग देंगे।
176 क्लास होंगे स्मार्ट व 104 आईसीटी लैब की होगी स्थापना समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिले के 178 स्कूलों को स्मार्ट क्लास में तबदील किया जाएगा व 104 स्कूलों में आईसीटी लैब (इन्फॉर्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नॉलॉजी) की स्थापना की जाएगी। लैब में बच्चों को लैपटॉप से पढ़ाया जाएगा, व आने वाले दिनों में आयोजित होने वाली परीक्षाएं ऑन लाइन होगी।
सौ मास्टर ट्रेनरों को दिया जा रहा प्रशिक्षण डीजी योजना किस तरह कार्य करेंगी, स्कूलों को किस तरह अभियान से जोड़ा जाएगा इसके लिए बीसीसीएल व एनीक सलुशन साथ में काम कर रहे है। बर्जेस हिन्दी मीडियम स्कूल के सभागार में प्रदेश के विभिन्न जिलों से सौ मास्टर ट्रेनरों को मनोज साहू प्रशिक्षण दे रहे है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद सभी मास्टर ट्रेनर स्कूलों में शिक्षकों को प्रशिक्षण देंगे।