READ MORE : परिजनों ने जिसका कर दिया था अंतिम संस्कार, 2 साल बाद पंजाब-पाक बॉर्डर पर मिला जिंदा मामले की सुनवाई 7 जून को होगी। परिवाद पत्र में आरोप लगाया गया है कि गत 21 मई को पतंजलि विश्वविद्यालय एवं शोध संस्थान के संयोजक स्वामी रामदेव ने अलग-अलग टीवी चैनलों पर एलोपैथी चिकित्सा विज्ञान पर अमर्यादित टिप्पणी की है। साथ ही उन्होंने कोरोना से डॉक्टरों की मौत का मजाक भी उड़ाया था।