हाईकोर्ट में ५८ हजार प्रदेश में ३ लाख से अधिक मामले लंबित: ज्ञात हो कि हाईकोर्ट में ५८ हजार से अधिक मामले सुनवाई के लिए लंबित हैं। रही बात प्रदेश के विभिन्न जिला न्यायालयों की तो आंकड़ा ३ लाख से अधिक का है। हालांकि लोक अदालत एवं हाईकोर्ट की शनिवार को होने वाली विशेष बेंच की नियमित सुनवाई से लंबित मामलों की संख्या में अपेक्षाकृत कमी आई है। लेकिन पंडेंसी घटाने की यही रफ्तार रही तो इन मामलों के निराकरण में वर्षों लगेंगे। साथ ही प्रतिदिन दायर होने वाले मामलों को शामिल करें तो ये एक अंतहीन सिलसिला सा है, जो शायद ही कभी थमे।
पेंडेसी की बढ़ती संख्या में लोक अदालत के नियमित आयोजन एवं हाईकोर्ट में तेजी से याचिकाओं के निराकरण से काफी फर्क पड़ा है। लंबित मामलों की संख्या तेजी से घटी है। हालांकि आंकड़े दे पाना अभी संभव नहीं होगा। विभिन्न न्यायालयों में जजों की कमी दूर कर और अधिवक्ताओं के प्रयास से इसमें और कमी लाई जा सकती है।
सीके केशरवानी, अध्यक्ष, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन
सीके केशरवानी, अध्यक्ष, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन