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बिलासपुर

सरेआम तलवार लहराने वाले को कांग्रेस में पद, बचाव में उतरे पीसीसी चीफ बघेल

राजनीति: बघेल पहले तो बोले आपराधिक मामलों का पता नहीं, फिर बोले- ये भाजपा की साजिश

बिलासपुरSep 04, 2018 / 02:13 pm

Barun Shrivastava

Congress

सरेआम तलवार लहराने वाले को कांग्रेस में पद, बचाव में उतरे पीसीसी चीफ बघेल

पत्रिका चला रहा स्वच्छ राजनीति के लिए चेंजमेकर अभियान

बिलासपुर. प्रदेश युवक कांग्रेस की कमान आपराधिक पृष्ठभूमि के महेंद्र गंगोत्री को देने पर पीसीसी चीफ भूपेश बघेल बचाव में उतरे। भूपेश ने पहले तो गंगोत्री की आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी से पल्ला झाड़ लिया। लेकिन जब पूछा गया कि कांग्रेस में क्या ऐसे पद बिना किसी ट्रैक रिकॉर्ड की जांच के ही दे दिए जाते हैं, तो वे और झल्ला उठे। भूपेश बघेल इसे भाजपा की साजिश बताने लगे। उन्होंने कहा कि ऐसे तो मेरे खिलाफ भी सीबीआई जांच चल रही है। जबकि इस मामले में युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संतोष कोलकुंडा से बात की गई तो उन्होंने इस नियुक्ति को गलत बताया। उन्होंने कहा कि नियुक्ति के पूर्व यह जानकारी प्रदेश कांग्रेस की ओर से नहीं दी गई। हम यह मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष के संज्ञान में लाएंगे। खरसिया के विधायक उमेश पटेल के स्थान पर रविवार को प्रदेश युवक कांग्रस के दो कार्यकारी अध्यक्ष बनाए गए हैं, जिनमें एक बिलासपुर के महेंद्र गंगोत्री हैं, जिनके विरुद्ध बिलासपुर के विभिन्न थानों में 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
तलवार लहराने के मामले को भी राजनीतिक बता रहे बघेल
पीसीसी चीफ बघेल ने कहा हमारे महामंत्री को भी सरकार ने फंसाया है। जब उन्हें बताया कि गंगोत्री पर राजनीतिक मामले नहीं आपराधिक हैं, इससे कांग्रेस को ऐन चुनाव से पहले नुकसान उठाना पड़ सकता है, तो बघेल ने फोन काट दिया।
कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
इसे लेकर युकां के राष्ट्रीय सचिव व छग प्रभारी संतोष कोलकुंडा ने बताया कि किसी नियुक्ति से पहले उनके बारे में प्रदेश के नेताओं से जानकारी ली जाती है। महेन्द्र गंगोत्री के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, इसकी जानकारी राष्ट्रीय टीम को नहीं दी गई। राजनीतिक मामलों के अलावा यदि तलवार लहराने जैसे मामले हैं, तो राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात करके कार्रवाई करेंगे। कोलकुंडा ने माना कि इससे चुनावों में नुकसान हो सकता है।
उमेश पटेल ने भी किया था विरोध
सूत्रों के मुताबिक गंगोत्री को लेकर निवर्तमान युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष उमेश पटेल ने भी विरोध किया था। उन्होंने 3 बार यह नाम कैंसिल कराया था। पिछले एक महीने से गंगोत्री को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की तैयारी की जा रही थी। गंगोत्री को युकां कार्यकारी अध्यक्ष बनाने के लिए तीन बार रायपुर में बैठकें हुईं। तीनों बार उमेश ने गंगोत्री ने नाम पर असहमति जताई। इसी बीच ओपी चौधरी के खरसिया से ताल ठोकने की बात के बाद उमेश ने अपना पद छोडऩे की इच्छा जताई। इसका ही फायदा उठाते हुए प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष के लिए महेन्द्र गंगोत्री का नाम फिर आगे कर दिया गया। इस पर अभी भी उमेश पटेल राजी नहीं थे। इसलिए उमेश ने इसे दो पार्ट में बांटने का फैसला लिया। रविवार को महेन्द्र गंगोत्री और पूर्ण चंद्र्र कोका पाढ़ी (भानुप्रतापपुर विधानसभा) को कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया गया।
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