इस अवसर पर तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर , प्रदेश सचिव आशीष सिंह, रामशरण यादव, रविंद्र सिंह, एस पी चतुर्वेदी, प्रवक्ता अभय नारायण राय, भुवनेश्वर यादव, अजय सिंह, अनिल सिंह चौहान, सीमा सोनी, ऋृषि पांडेय, त्रिलोक श्रीवास, ब्रजेश साहू, बसंत शर्मा, अजय सिंह, अर्जुन सिंह, सुभाष ठाकुर, गौरव अग्रवाल, सुधांशु मिश्रा, हारमेंद्र शुक्ल, कमल गुप्ता, प्रखर सोनी आदि ने मुलाकात की। राजस्व मंत्री को पटवारी तहसीलदारों की शिकायतों के अलावा जमीन पर बेजा कब्जा की शिकायत की गई।
राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के बिलासपुर प्रवास के दौरान आज ग्राम कोनी के सैकड़ों नागरिक जिले के कांग्रेस नेता त्रिलोक श्रीवास के नेतृत्व में जय सिंह अग्रवाल से भेंट की और उन्हें अपनी समस्या बताई। राजस्व मंत्री ने सारी बातों को समझते हुए और मामले की गंभीरता देखते हुए तत्काल मौके पर उपस्थित तहसीलदार और एसडीएम राठौर को किसी भी प्रकार की बेदखली की कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए, इस अवसर पर दीपक यादव निर्मल खांडेकर विजय जोशी वीरू कसेर आशु सारथी आसाराम यादव अब्दुल हमीद खान कांग्रेस नेता राजेश गोड़ राहुल गोरख गणेश वर्मा मोहसीन खान मंगल बाजपेई सत्य लाल कुटे मोहन यादव सहित सैकड़ों ग्रामवासी उपस्थित थे बताया कि पटवारी कोनी विभव सिंह गलत तरीके से रिपोर्ट बनाकर उनकी जमीनों से उन्हें बेदखल करवाना चाहता है विदित हो कि दोमुहानी से लेकर ग्राम लक्ष्मीपुर तक अरपा नदी में 6 स्थानों पर जल संग्रहण हेतु एनीकट बनने हैं जिसके लिए जिला प्रशासन ने उपरोक्त ग्रामों के पटवारियों को यह निर्देश दिया था कि ऐसे लोग बेजा कब्जा धारियों की सूची जो नदी तट पर अतिक्रमण किए हैं उनकी सूची एसडीएम कार्यालय में जमा कराएं कोनी पटवारी ने नदी किनारे बेजा कब्जा धारियों की सूची नहीं देकर जो लोग कोनी में वर्षों से निवास कर रहे हैं 30, 40 वर्षों से निवासरत मुख्य मार्ग पर रहने वाले लोगों के नाम अतिक्रमण कार्यों की सूची में दे दिया था उक्त बात की जानकारी होने पर कोनी ग्राम के निवासियों ने राजस्व मंत्री अग्रवाल को बताया कि कोनी में नदी तट के किनारे मुस्लिम समाज का कब्रिस्तान हिंदुओं का मुक्तिधाम सतनामी समाज का मुक्तिधाम है उक्त निवासी नदी किनारे किसी प्रकार का बेजा कब्जा नहीं किए हैं क्योंकि उन्होंने पटवारी और कोनी सरपंच के अवैध कार्यों का शिकायत किया था इससे पटवारी दुर्भावना से ग्रसित होकर उनका नाम बेजा कब्जा धारियों की सूची में दाखिल कराने हेतु दिया है।