नहीं उठाया।
अपराध क्रमांक/सन-धारा
252/06 – 294, 506, 323, 34
550/06 – 294, 506, 323, 34
145/07 – 147, 186,448, 506
32/08 – 110
144/08 – 294, 506, 323, 34
428/11 – 294, 506, 323, 34
470/17 – 147, 148, 149, 341, 294, 323, 506, 307
अपराध क्रमांक/सन-धारा
188/08 – 341, 294,506,323
260/10 – 147,148,149,294, 323,506
252/15 – 147,148,149,294, 323,506 उदय किरण को भी थी तलाश
तकरीबन आठ माह पहले दयालबंद में दो गुटों के मारपीट हुई। तलवार लेकर सरेआम सडक़ पर दौड़ाया। इस मामले में महेंद्र गंगोत्री के खिलाफ कोतवाली थाने में अपराध दर्ज हुआ। तत्कालीन आईपीएस उदय किरण ने खोजबीन शुरू करवाई, तो महेंद्र फरार हो गया था। कॉलेजों में जब-जब छात्र संघ चुनाव हुआ, मारपीट के मामले में गंगोत्री का नाम आता रहा। एनएसयूआई में रहते हुए भी कई बार मारपीट के मामले सामने आए। कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य के पति को रेलवे स्टेशन में दौड़ा दौड़ाकर मारा।
इससे पूर्व महेन्द्र गंगोत्री को युकां प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। अब प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। वहीं उसके छोटे भाई भावेन्द्र गंगोत्री को जिलाध्यक्ष का पद दिया गया है। इससे पहले महेन्द्र जिलाध्यक्ष रहे।
दयालबंद निवासी महेन्द्र गंगाोत्री पिता ओमप्रकाश गंगोत्री ने अपराधिक सफर 6 अगस्त 2006 को शुरू किया था। उसके खिलाफ कोतवाली और तारबाहर थाने में कुल 10 एफआईआर दर्ज है, जिसमें मारपीट के 5, बलवा के 4 और बलवा व हत्या के प्रयास का 1 मामला दर्ज है। कोतवाली में महेन्द्र के खिलाफ 7 और तारबाहर थाने में 3 प्रकरण दर्ज हैं। दयालबंद में 4 नवंबर को महेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। दोनों पक्षों में गैंगवार हुआ था और दोनों पक्षों के आधा दर्जन व्यक्ति घायल हुए थे। मारपीट की घटना दयालबंद में सरेराह हुई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ था।
महेंद्र गंगोत्री के खिलाफ पुलिस में अपराधिक मामले हैं, इससे मैं इंकार नहीं कर सकता। लेकिन नई जिम्मेदारी दी गई है, उनको इन सबसे दूर रहना होगा। यह बात भी सही है कि ऐसे लोगों को चुनाव के समय लेने से गलत मैसेज जाता है। टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष