विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में कई तरह की रणनीति बन रही है। संगठन में उठापटक से समीकरण बन-बिगड़ रहे हैं। इसी के तहत खरसिया विधायक उमेश पटेल को जो कि युकां के प्रदेश अध्यक्ष भी थे, उन्हें इस पद से हटा दिया। इसके पीछे वजह ये बताई जा रही है कि वे काफी दिनों से निष्क्रिय चल रहे थे। संगठन के कार्यों में समय नहीं दे पा रहे थे। इससे संगठन पर विपरीत असर पड़ रहा था। जब जबकि विधानसभा चुनाव नजदीक है, और उमेश पटेल को खरसिया से प्रत्याशी बनाया जा सकता है, तो उन्हें हटाना लाजिमी था। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि अपने विधानसभा में चुनाव की तैयारी करने के लिए खुद उमेश पटेल ने कांग्रेस के आला नेताओं से पदमुक्त करने की गुजारिश की थी। बहरहाल उमेश पटेल को युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया। इसके साथ ही दो कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। इनमें एक नाम महेंद्र गंगोत्री का है। महेंद्र के खिलाफ मारपीट और गुंडागर्दी करने के कई मामले दर्ज हैं। हाल में ही कई महीने तो फरारी में ही निकल गए। आए दिन विवादों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले महेंद्र को संगठन ने यह पद क्यों दिया, यह तो संगठन के बड़े नेता ही जानें, लेकिन इससे पार्टी की छवि पर विपरीत असर पड़ सकता है। दूसरी तरफ संगठन के इस फैसले को लेकर कार्यकर्ता भी हैरान हैं। इससे पहले महेंद्र गंगोत्री युकां के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे। आपराधिक छवि वाले लोगों को संगठन में स्थान देने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप करने वाले नेताओं ने तब भी इसे लेकर कोई कदम
नहीं उठाया।
नहीं उठाया।
आपराधिक रिकार्ड (थाना कोतवाली)
अपराध क्रमांक/सन-धारा
252/06 – 294, 506, 323, 34
550/06 – 294, 506, 323, 34
145/07 – 147, 186,448, 506
32/08 – 110
144/08 – 294, 506, 323, 34
428/11 – 294, 506, 323, 34
470/17 – 147, 148, 149, 341, 294, 323, 506, 307
अपराध क्रमांक/सन-धारा
252/06 – 294, 506, 323, 34
550/06 – 294, 506, 323, 34
145/07 – 147, 186,448, 506
32/08 – 110
144/08 – 294, 506, 323, 34
428/11 – 294, 506, 323, 34
470/17 – 147, 148, 149, 341, 294, 323, 506, 307
आपराधिक रिकार्ड (थाना तारबाहर)
अपराध क्रमांक/सन-धारा
188/08 – 341, 294,506,323
260/10 – 147,148,149,294, 323,506
252/15 – 147,148,149,294, 323,506 उदय किरण को भी थी तलाश
तकरीबन आठ माह पहले दयालबंद में दो गुटों के मारपीट हुई। तलवार लेकर सरेआम सडक़ पर दौड़ाया। इस मामले में महेंद्र गंगोत्री के खिलाफ कोतवाली थाने में अपराध दर्ज हुआ। तत्कालीन आईपीएस उदय किरण ने खोजबीन शुरू करवाई, तो महेंद्र फरार हो गया था। कॉलेजों में जब-जब छात्र संघ चुनाव हुआ, मारपीट के मामले में गंगोत्री का नाम आता रहा। एनएसयूआई में रहते हुए भी कई बार मारपीट के मामले सामने आए। कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य के पति को रेलवे स्टेशन में दौड़ा दौड़ाकर मारा।
अपराध क्रमांक/सन-धारा
188/08 – 341, 294,506,323
260/10 – 147,148,149,294, 323,506
252/15 – 147,148,149,294, 323,506 उदय किरण को भी थी तलाश
तकरीबन आठ माह पहले दयालबंद में दो गुटों के मारपीट हुई। तलवार लेकर सरेआम सडक़ पर दौड़ाया। इस मामले में महेंद्र गंगोत्री के खिलाफ कोतवाली थाने में अपराध दर्ज हुआ। तत्कालीन आईपीएस उदय किरण ने खोजबीन शुरू करवाई, तो महेंद्र फरार हो गया था। कॉलेजों में जब-जब छात्र संघ चुनाव हुआ, मारपीट के मामले में गंगोत्री का नाम आता रहा। एनएसयूआई में रहते हुए भी कई बार मारपीट के मामले सामने आए। कांग्रेस के राज्य सभा सदस्य के पति को रेलवे स्टेशन में दौड़ा दौड़ाकर मारा।
कांग्रेस ने एक परिवार को बांट दिए पद
इससे पूर्व महेन्द्र गंगोत्री को युकां प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। अब प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। वहीं उसके छोटे भाई भावेन्द्र गंगोत्री को जिलाध्यक्ष का पद दिया गया है। इससे पहले महेन्द्र जिलाध्यक्ष रहे।
इससे पूर्व महेन्द्र गंगोत्री को युकां प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया था। अब प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। वहीं उसके छोटे भाई भावेन्द्र गंगोत्री को जिलाध्यक्ष का पद दिया गया है। इससे पहले महेन्द्र जिलाध्यक्ष रहे।
मारपीट से शुरू किया आपराधिक सफर, बलवा और हत्या के प्रयास के मामले भी
दयालबंद निवासी महेन्द्र गंगाोत्री पिता ओमप्रकाश गंगोत्री ने अपराधिक सफर 6 अगस्त 2006 को शुरू किया था। उसके खिलाफ कोतवाली और तारबाहर थाने में कुल 10 एफआईआर दर्ज है, जिसमें मारपीट के 5, बलवा के 4 और बलवा व हत्या के प्रयास का 1 मामला दर्ज है। कोतवाली में महेन्द्र के खिलाफ 7 और तारबाहर थाने में 3 प्रकरण दर्ज हैं। दयालबंद में 4 नवंबर को महेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। दोनों पक्षों में गैंगवार हुआ था और दोनों पक्षों के आधा दर्जन व्यक्ति घायल हुए थे। मारपीट की घटना दयालबंद में सरेराह हुई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ था।
दयालबंद निवासी महेन्द्र गंगाोत्री पिता ओमप्रकाश गंगोत्री ने अपराधिक सफर 6 अगस्त 2006 को शुरू किया था। उसके खिलाफ कोतवाली और तारबाहर थाने में कुल 10 एफआईआर दर्ज है, जिसमें मारपीट के 5, बलवा के 4 और बलवा व हत्या के प्रयास का 1 मामला दर्ज है। कोतवाली में महेन्द्र के खिलाफ 7 और तारबाहर थाने में 3 प्रकरण दर्ज हैं। दयालबंद में 4 नवंबर को महेन्द्र ने अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमला किया था। दोनों पक्षों में गैंगवार हुआ था और दोनों पक्षों के आधा दर्जन व्यक्ति घायल हुए थे। मारपीट की घटना दयालबंद में सरेराह हुई थी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ था।
मामलों से इंकार नहीं
महेंद्र गंगोत्री के खिलाफ पुलिस में अपराधिक मामले हैं, इससे मैं इंकार नहीं कर सकता। लेकिन नई जिम्मेदारी दी गई है, उनको इन सबसे दूर रहना होगा। यह बात भी सही है कि ऐसे लोगों को चुनाव के समय लेने से गलत मैसेज जाता है। टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष
महेंद्र गंगोत्री के खिलाफ पुलिस में अपराधिक मामले हैं, इससे मैं इंकार नहीं कर सकता। लेकिन नई जिम्मेदारी दी गई है, उनको इन सबसे दूर रहना होगा। यह बात भी सही है कि ऐसे लोगों को चुनाव के समय लेने से गलत मैसेज जाता है। टीएस सिंहदेव, नेता प्रतिपक्ष