यहां लोगों ने कोरोना के डर से ब्रायलर चिकन से मुंह मोड़ लिया है। जिससे पाल्ट्री व्यवसायियों व मुर्गी पालने वाले किसानों को खासा नुकसान हुआ है। पोल्ट्री फार्म के संचालक अब मुर्गियों को जंगल या फिर शहर के बाहरी इलाका में फेंकना शुरु कर दिए हैं। अब तक लोग मटन और मछली में कोरोना का प्रकोप नहीं है समझकर खा रहे थे लेकिन डाक्टर इस बात का गारंटी नहीं दे रहे हैं मटन और मछली में कोरोना का प्रकोप नहीं हो सकता है। डाक्टरों का कहना है कि इस बारे में हम स्पष्ट रुप से कुछ भी नहीं कह सकते हैं लेकिन लोगों को सावधानी बरतने की आवश्कता है। दस मार्च को होली का त्यौहार है इस दिन मांस मटन की बिक्री अधिक रहती है। मुर्गियों का मार्केट की हालत बेहद खराब है अब मटन और मछली पर भी असर पडऩे लगा है।