जानकारी के अनुसार बिलासपुर के कोटा थाना क्षेत्र के बेलगहना में रहने वाली मृतिका की शादी इसी साल 4 मार्च को दुर्ग जिले के भिलाई में रहने वाले एक युवक से हुई थी। शादी के बाद दोनो हनीमून के लिए जम्मू-कश्मीर गए थे। वहा से लौटने के बाद नवविवाहिता होली में मायके आ गई थी। उसे बुखार और फिर सर्दी-खांसी की शिकायत थी। परिजनों ने उसे वंदना अस्पताल में भर्ती कराया था लेकिन तबीयत बिगड़ने के बाद 12 मार्च को उसे अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
पीएम के लिए भेजा सिम्स
अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने महिला के शव को पीएम के लिए सिम्स अस्पताल भेज दिया था। सिम्स अस्पताल के डॉक्टर विवेक शर्मा ने बताया कि महिला का पीएम सिम्स में किया गया है और उसकी रिपोर्ट सरकंडा थाना भेज दी गई है। वहीं जिस अस्पताल में महिला का इलाज किया गया है वह महिला की बीमारी के संबंध जानकारी देने से इंकार कर रहा है।
कोरोना के संदिग्ध की श्रेणी में नहीं थी महिला
नोडल अधिकारी आईडीएसटी डॉ धर्मेन्द्र गहवई ने महिला को कोरोना पीड़ित होने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि WHO और भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार वो महिला कोरोना के संदिग्ध की श्रेणी में नहीं थी। उनके परिवार वालों को वायरस से बचने के लिए सामान्य दिशा निर्देशों का पालन करने को कहा गया है। हाथ साबुन से रेगुलर धोते रहें, भीड़ वाली जगहों में न जाएं और जिन्हें सर्दी-खांसी है ऐसे लोगों से दूर रहें।
डॉ धर्मेन्द्र गहवई ने बताया कि अब तक 68 संदिग्धों का सेंपल भेजा गया था, जो कि विदेश से आए थे। 63 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है और तीन लोग जो कि Who की क्राइटेरिया में नहीं आते थे इसलिए उनका सेंपल रिजेक्ट कर दिया गया है। वहीं दो अन्य लोगों का सेंपल आज भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।
डॉ गहवई ने बताया कि गाइडलाइन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जो कि संक्रमित देशों की यात्रा करके लौटा है या किसी तरह से कोरोना पॉजीटिव से उसका 1 मीटर के दायरे के भीतर कॉन्टेक्ट हुआ हो उसे संदिग्ध माना जाता है। अब तक देश भर में कोरोना वायरस पॉजीटिव की संख्या 83 के आसपास बताई जा रही है। वहीं अब तक दो लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है। जिसमें एक कर्नाटक और एक दिल्ली के रहने वाले थे।
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