मामलों की फाइलिंग ई-प्रक्रिया से
इन दिनों, प्रकरणों की फाइलिंग भी ई-फाइलिंग प्रक्रिया के तहत हो रही है। इसमें याचिका की मूल प्रति के साथ पेन ड्राइव में कॉपी प्रस्तुत करना अनिवार्य है। किंतु कोर्ट फीस तथा मूल दस्तावेजों को कोर्ट खुल जाने पर 72 घंटों के भीतर न्यायालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।
ज्यादातर सिंगल बेंच ही
कुल संवैधानिक या नीतिगत प्रकरण पर सुनवाई अभी नहीं हो पा रही है। इसके मद्देनजर ज्यादातर सिंगल बेंच भी गठित की जा रही है। हर बेंच में औसतन 40 से 50 मामले रोज लिस्ट हो रहे हैं। अधिकतर क्रिमिनल या सर्विस मैटर है।
वकीलों के कामकाज पर असर
सुरक्षा के लिहाज से यह व्यवस्था कारगर है। हालांकि वकीलों के कामकाज पर लॉकडाउन में असर पड़ा है। पुराने और स्थापित वकीलों से ज्यादा नए वकीलों को दिक्कत है। वकील प्रकाश तिवारी का कहना है कि ऑनलाइन सुनवाई में भी बेहतर काम हो रहा है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीके केसरवानी का कहना है कि नियमित कामकाज शुरू होने पर ही वकीलों को राहत मिल पाएगी। ऑनलाइन सुनवाई में नेटवर्क समस्या अक्सर आड़े आती है।