एक सितम्बर से प्रतिदिन 16 से 20 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि लगभग सभी जिलों में कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ है। यहां ऐसा क्यों नहीं हुआ इस पर अधिकारी बात करने को भी तैयार नहीं है। छोटे अधिकारी बड़े अधिकारी से बात कीजिए कहकर पल्ला झाड़ रहे हैं तो बड़े अधिकारी इस विषय में जवाब ही नहीं दे रहे हैं।
कोरोना से संक्रमितों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। इससे गौरेला पेन्ड्रा मरवाही (Gaurela Pendra Marwahi) जिला भी अछूता नहीं है। मार्च से लेकर 30 अगस्त तक इस जिले में कोरोना के 57 मरीज मिले थे। 1 से 23 सितम्बर के बीच 389 मरीज बढ़ गए हैं। इस मुख्य कारण उप चुनाव को लेकर लगातार राजनीतिक पार्टियों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। सभा सम्मेलन में भाग लेने वाले कार्यकर्ता और जनता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रही है।
संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है, लेकिन प्रशासन इस पर रोक नहीं लगा पा रहा है। जीपीएम में 30 अगस्त को पंचायत सम्मेलन किया गया जिसमें लगभग ढाई हजार लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने वाले पंच सरपंचों को कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कुछ दिनों के लिए कार्यक्रम को रोक दिया गया था।
इसके बाद जोगीसार में सभा किया गया यहां भी लोग बीमार होने लगे हैं। प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी मंत्री, मुख्यमंत्री के सलाहकार तीन दिन तक क्षेत्र में अलग अलग जगहों पर कार्यकर्ता सम्मेलन लिए। इसमें शामिल कार्यकर्ता भी पॉजिटिव आने लगे हैं। लेकिन उनकी हिस्ट्री छुपाई जा रही है। पूरे प्रदेश भर में कोरोना से मुक्त रहने वाला मरवाही विधानसभा क्षेत्र अब नेताओं के कारण इसके संक्रमण की चपेट में आ गया है।
भाजपा जीपीएम चुनाव प्रभारी पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा, मरवाही क्षेत्र में कांग्रेस अभी से महौल बनाने के लिए कार्यक्रम कर भीड़ इकट्ठा कर रही है। इससे कोरोना का संक्रमण अधिक फैल रहा है लेकिन टेस्टिंग काफी कम हो रही है। वहां के लोगों की शिकायत है कि कांग्रेस सभा कर क्षेत्र में कोरोना फैलाने का काम रही है।
जीपीएम प्रभारी व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कहा, केंद्र में भाजपा की सरकार है। अमर अग्रवाल को आयोग से पूछना चाहिए कि ऐसे कोरोना काल में चुनाव क्यों करवा रही है। कांग्रेस के कार्यक्रम से भाजपाइयों के पेट में दर्द हो रहा है तो उन्हें प्रशासन से मांग करनी चाहिए।