कोटमी सोनार में लगभग 40 तालाब हैं। इसमें एक तालाब को बांध का स्वरूप देकर मगरमच्छ के लिए क्रोकोडायल पार्क बनाया गया है जिसमें 259 मगरमच्छ हैं। इसके अलावा गांव कर्रा नाला और 12 तालाबों में मगरमच्छ हंै। खुले में रहते हैं। खुले में रहने वाले मगरमच्छ अक्सर रात में पानी से बाहर निकलकर गांव में आ जाते हैं। ऐसा ही गुरुवार को कोटमी के पास अमलाही गांव के तालाब के पास 4 फीट का मगरमच्छ को गांव की गली में देखा गया। मगरमच्छ को देखते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई। इसकी सूचना वन विभाग के टीम को दी गई। इसके बाद इसे क्रोकोडायल पार्क में छोड़ा गया। पिछले एक महीना पहले इसी तालाब में लगभग पांच मगरमच्छ के छोट-छोटे बच्चे दिखाई दिए।अमलाही के लोगों को अब तालाब मे निस्तारी करना मुश्किल हो गया है। चार फीट के मादा मगरमच्छ को मुन्ना केवट, राजा, सत्यवान लहरे, देवीलाल केवट द्वारा पकड़ा गया। इसके बाद मगरमच्छ संरक्षण पार्क में पशु चिकित्सक द्वारा जांच कर पार्क में छोड़ा गया । एक सप्ताह पहले खूंटाघाट बांध के पास दो बार 4-4 फीट के मगरमच्छ देखे गए जिसे वन विभाग को सौंपा गया था वहीं तीन दिन पहले मस्तुरी के पास नहर से होकर एक किसान के घर में मगरमच्छ घुस गया था जिसे कानन पेंडारी भेजा गया।