बिलासपुर. रतनपुर-कोटा मार्ग स्थित चांपी नाले की पुलिया शनिवार सुबह अचानक धसक गई। कवर्धा-कोरबा मुख्य मार्ग होने के कारण इस नाले के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घटना के बाद संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे और वैकल्पिक मार्ग से दो पहिया वाहनों के गुजरने की व्यवस्था बनाई। रतनपुर-कोटा पहुंच मार्ग के बीच स्थित चांपी नाला के ऊपर बनी पुलिया वर्षों पुरानी है। कोरबा- कवर्धा मुख्य मार्ग होने के कारण इस नाले पर एकमात्र पुलिया बनाई गई थी। पुरानी होने के कारण पीडब्ल्यूडी और एडीबी की ओर से नई पुलिया का निर्माण करने प्रस्ताव बनाया था, जिसे राज्य शासन से वर्ष 2016 में अनुमति दी गई थी। ठेकेदार ने चांपी नाले का पानी दोनों ओर से सुखाने के बाद पुलिया का निर्माण करने की बात कही थी, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया था। इस पर ठेकेदार ने काम नहीं किया और वर्ष 2018 में इस सड़क में डामरीकरण करने के बाद छोड़ दिया गया था। पुलिया निर्माण नहीं होने के कारण राशि लैप्स हो गई थी। शनिवार सुबह हादसे के बाद पुलिया के दोनों ओर रतनपुर और कोटा मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घटना के बाद रतनपुर तहसीलदार शिल्पा भगत कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचीं और दो पहिया वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्ग से भेजने के लिए मशक्कत शुरू की। पास ही स्थित सिलदहा एनीकट पुल का उपयोग वाहनों के लिए किया गया है।बाक्स एटीआर बंद होने के कारण वाहनों की लगी रहती है कतारएटीआर मार्ग बंद होने के कारण यह मार्ग काफी व्यस्त हो गया था। 24 घंटे इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बना हुआ था। यही वजह है कि यह धसक गई। बाक्स आरोप-अधिकारी ठेकेदार खा गए पैसापूर्व जिला पंचायत सदस्य दीपक रजक ने का कहना है कि बरसों पुरानी पुलिया की जगह नए पुल के राशि मिली थी, लेकिन ठेकेदार, पीडब्ल्यूडी और एडीबी के अधिकारी मिलकर पुलिया की राशि खा गए, जिससे पुल का निर्माण नहीं हो सका। अब इसका खामियाजा आसपास केलोगों और जनता को भुगतना पड़ रहा है।बाक्स बड़ा हादसा हो सकता थागांव में रहने वाले मंगल बिंझवार ने बताया कि पुलिया के नीचे गांव के बच्चे नहाते थे। शनिवार सुबह जिस समय हादसा हुआ, उस समय बच्चे पुलिया के नीचे नहीं थे। होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।बाक्स... यही काम पहले कर लेतेगांव में रहने वाले सोहनलाल ने बताया कि वे करीब 40 वर्षों से इस पुलिया को देखते आ रहे हैं। पुलिया की मरम्मत कभी नहीं कराई। 7 वर्ष पूर्व पुलिया की जगह नया पुल बनाया जाना था। यही काम पहले कर लेते तो आज ये परेशानी नहीं होती।वर्जन...पुलिया पुरानी होने के कारण धसक गई। पूर्व में इस नाले पर पुल का निर्माण क्यों नहीं हो पाया, इसकी जानकारी नहीं है। यह फाइल देखकर ही बता पाऊंगा। फिलहाल वाहनों के लिए डायवर्ट रूट की व्यवस्था की गई है।
बिलासपुर. रतनपुर-कोटा मार्ग स्थित चांपी नाले की पुलिया शनिवार सुबह अचानक धसक गई। कवर्धा-कोरबा मुख्य मार्ग होने के कारण इस नाले के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घटना के बाद संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे और वैकल्पिक मार्ग से दो पहिया वाहनों के गुजरने की व्यवस्था बनाई। रतनपुर-कोटा पहुंच मार्ग के बीच स्थित चांपी नाला के ऊपर बनी पुलिया वर्षों पुरानी है। कोरबा- कवर्धा मुख्य मार्ग होने के कारण इस नाले पर एकमात्र पुलिया बनाई गई थी। पुरानी होने के कारण पीडब्ल्यूडी और एडीबी की ओर से नई पुलिया का निर्माण करने प्रस्ताव बनाया था, जिसे राज्य शासन से वर्ष 2016 में अनुमति दी गई थी। ठेकेदार ने चांपी नाले का पानी दोनों ओर से सुखाने के बाद पुलिया का निर्माण करने की बात कही थी, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया था। इस पर ठेकेदार ने काम नहीं किया और वर्ष 2018 में इस सड़क में डामरीकरण करने के बाद छोड़ दिया गया था। पुलिया निर्माण नहीं होने के कारण राशि लैप्स हो गई थी। शनिवार सुबह हादसे के बाद पुलिया के दोनों ओर रतनपुर और कोटा मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। घटना के बाद रतनपुर तहसीलदार शिल्पा भगत कर्मचारियों के साथ मौके पर पहुंचीं और दो पहिया वाहन चालकों को वैकल्पिक मार्ग से भेजने के लिए मशक्कत शुरू की। पास ही स्थित सिलदहा एनीकट पुल का उपयोग वाहनों के लिए किया गया है।बाक्स एटीआर बंद होने के कारण वाहनों की लगी रहती है कतारएटीआर मार्ग बंद होने के कारण यह मार्ग काफी व्यस्त हो गया था। 24 घंटे इस मार्ग पर भारी वाहनों का आवागमन बना हुआ था। यही वजह है कि यह धसक गई। बाक्स आरोप-अधिकारी ठेकेदार खा गए पैसापूर्व जिला पंचायत सदस्य दीपक रजक ने का कहना है कि बरसों पुरानी पुलिया की जगह नए पुल के राशि मिली थी, लेकिन ठेकेदार, पीडब्ल्यूडी और एडीबी के अधिकारी मिलकर पुलिया की राशि खा गए, जिससे पुल का निर्माण नहीं हो सका। अब इसका खामियाजा आसपास केलोगों और जनता को भुगतना पड़ रहा है।बाक्स बड़ा हादसा हो सकता थागांव में रहने वाले मंगल बिंझवार ने बताया कि पुलिया के नीचे गांव के बच्चे नहाते थे। शनिवार सुबह जिस समय हादसा हुआ, उस समय बच्चे पुलिया के नीचे नहीं थे। होते तो बड़ा हादसा हो सकता था।बाक्स... यही काम पहले कर लेतेगांव में रहने वाले सोहनलाल ने बताया कि वे करीब 40 वर्षों से इस पुलिया को देखते आ रहे हैं। पुलिया की मरम्मत कभी नहीं कराई। 7 वर्ष पूर्व पुलिया की जगह नया पुल बनाया जाना था। यही काम पहले कर लेते तो आज ये परेशानी नहीं होती।वर्जन...पुलिया पुरानी होने के कारण धसक गई। पूर्व में इस नाले पर पुल का निर्माण क्यों नहीं हो पाया, इसकी जानकारी नहीं है। यह फाइल देखकर ही बता पाऊंगा। फिलहाल वाहनों के लिए डायवर्ट रूट की व्यवस्था की गई है।