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आरक्षण के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर बहस पूरी, फैसला सुरक्षित

locationबिलासपुरPublished: Jul 06, 2022 07:27:07 pm

Submitted by:

AVINASH KUMAR JHA

आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 फीसदी करने के मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस पूरी होने के बाद शासन की ओर से महाधिवक्ता ने बहस की जो बुधवार को पूरी हो गई। चीफ जस्टिस की डीबी. ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।

आरक्षण के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर बहस पूरी, फैसला सुरक्षित

आरक्षण के मुद्दे पर दायर याचिकाओं पर बहस पूरी, फैसला सुरक्षित

बिलासपुर। आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 58 फीसदी करने के मामले में याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस पूरी होने के बाद शासन की ओर से महाधिवक्ता ने बहस की जो बुधवार को पूरी हो गई। चीफ जस्टिस की डीबी. ने मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
आरक्षण नियमों में राज्य शासन ने वर्ष 2012 में संशोधन कर दिया था। अनूसूचित जाति वर्ग का आरक्षण प्रतिशत 16 से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। इसी प्रकार अनूसूचित जनजाति का 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 किया गया। अन्य पिछड़ा वर्ग का कोटा 14 प्रतिशत ही बरकरार रहा।.ऐसा किए जाने से कुल आरक्षण का प्रतिशत बढ़कर 50 से 58 हो गया। यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और कानूनी प्रावधानों के विपरीत था। इसे अलग अलग याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। गुरुघासीदास साहित्य समिति ने अनूसूचित जाति का प्रतिशत घटाए जाने का विरोध कर याचिका दायर की थी। इसी तरह कई संगठनों ने अपनी ओर से याचिकाएं प्रस्तुत कीं। इन सब पर लंबे समय से हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में अबसे पहले हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं ने इस नए संशोधन को गैर संवैधानिक बताया। गुरु घासीदास साहित्य समिति की ओर से कहा गया कि अनूसूचित जाति के सदस्यों का इस प्रकार से सरकार ने नुकसान कर दिया है। इस वर्ग के लोगों को इसका विपरीत असर झेलना पड़ेगा। याचिकाकर्ताओं की ओर से पिछली सुनवाई में ही बहस पूरी हो गई थी।.इसके बाद शासन की ओर से महाधिवक्ता सतीश वर्मा ने बहस शुरू की।चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में दो दिनों से बहस के बाद आज बुधवार को यह बहस पूरी हो गई। सभी पक्षों के तर्क और सुनवाई पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है।
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