अंडे से बच्चें निकालने का वीडियो सामने आया था विगत नौ जुलाई की सुबह यू ट्यूब पर कमल चौधरी स्नैक रेस्कयू टीम बिलासपूर के चैनल पर कोबरा सांप के अंडे से बच्चें निकालने का वीडियो सामने आया था। वीडियो इतना वायरल हुआ की उसकी खबर वन विभाग के कानों तक पड़ गयी। चूंकि भारतीय कोबरा (नाजा नाजा) वन संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची 2 भाग 2 मे संरक्षित है, तथा बिना उचित अनुमति के साप व साप के अंडो (stealing snake eggs)से छेड़छाड़ कानूनन अपराध है।
वन विभाग बिलासपुर की टीम ने घर मे छापा मारा इस बात को गंभीरता से लेते हुये, वन विभाग बिलासपुर की टीम ने दूसरे ही दिन जॉच की कार्रवाई करते हुए कमल चौधरी व उनके संस्था के साथी आरती खूटियाले के घर मे छापा मारा। छापे मे वन विभाग को आरोपियो के घर से कुछ आपत्तिजनक सामान (stealing snake eggs)भी मिला जिसे जब्त किया गया। वायरल कोबरा विडियो मे दिखे तीनो आरोपी कमल चौधरी, आरती खूटियाले व वैभव वाघमारे को भारतीय वन अधिनियम, 1927 व भारतीय वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत कार्रवाई करते हुये, आरोपियो को 11 जुलाई की शाम सिविल कोर्ट मे प्रस्तुत किया गया, जहां जिला न्यायधीश ने 10-10 हजार रूपये जमानत पर छोड़ दिया गया।
जिले की बहुत आलोचना की जा रही थी जिले से इससे पहले भी काफी वीडियो वायरल हुये है, जिसमे स्नैक रेस्कयू करने वाले सापों के साथ स्टंट करते नजर आये है। जिस वजह से वन्यप्राणी संरक्षण संस्थानों मे जिले की बहुत आलोचना की जा रही थी। जिले के वन्यप्राणी प्रेमीयों व संरक्षण के लिए कार्य करने वालो का कहना है कि यह वन विभाग के द्वारा सही कार्रवाई किया गया है। बिना अनुमती के कार्य कर रहे संस्थानों को बंद कर उन पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
वन विभाग को गौर करना चाहिए सर्प जाति पर्यावरण के लिए जरुरी है, इसलिये इनका संरक्षण करना व सर्पो के बारे मे फैली भ्रांतिया मिटाना अति आवश्यक है। सर्प जाति के संरक्षण के बारे मे वन विभाग (Snake catchers punished)को गौर करना चाहिए। साथ ही यह इस प्रकार की जिले मे पहली व बड़ी घटना है, जिससे दूसर स्नैक रेस्कयूवर (stealing snake eggs)काफी शरमिंदा हैं और उनकी विभाग से अपील है कि आरोपियो पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो, जिससे दूसरे रेस्कयूव जो इस तरह का काम करते हैं उनको सबख मिले व अनैतिक तथा असंवैधानिक रुप से कार्य दुबारा जिले में न हो।