बिलासपुर

गोबर पेंट बनाने का पता नहीं और अब 1 यूनिट गोबर पेंट हर हाल में रखने के आदेश

बिलासपुर. गोबर पेंट बनाने जारी आदेश के 2 वर्ष बाद भी नगर निगम और जिले के नगरीय निकायों के गौठानों में एक यूनिट गोबर पेंट भी स्थाापित नहीं किया जा सका है। इस बीच नगरीय निकाय मंत्री ने निकाय क्षेत्रों में गोबर पेंट यूनिट रखने का फरमान जारी किया। इतना ही नहीं निकाय क्षेत्र में गोबरपेंट के साथ अब गोबर से पुट्टी बनाने का काम भी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। अब ऐसे में निकायों के प्रभारियों की परेशानी और भी बढ़ गई कि गौठान में पहले गोबर पेंट यूनिट लगाएं या फिर पुट्टीबनाने की यूनिट।

बिलासपुरJun 02, 2023 / 06:55 pm

KAMLESH RAJAK

गोबर पेंट बनाने का पता नहीं और अब 1 यूनिट गोबर पेंट हर हाल में रखने के आदेश

बिलासपुर. गोबर पेंट बनाने जारी आदेश के 2 वर्ष बाद भी नगर निगम और जिले के नगरीय निकायों के गौठानों में एक यूनिट गोबर पेंट भी स्थाापित नहीं किया जा सका है। इस बीच नगरीय निकाय मंत्री ने निकाय क्षेत्रों में गोबर पेंट यूनिट रखने का फरमान जारी किया। इतना ही नहीं निकाय क्षेत्र में गोबरपेंट के साथ अब गोबर से पुट्टी बनाने का काम भी शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। अब ऐसे में निकायों के प्रभारियों की परेशानी और भी बढ़ गई कि गौठान में पहले गोबर पेंट यूनिट लगाएं या फिर पुट्टीबनाने की यूनिट।
राज्य शासन ने कारब दो वर्ष पूर्व गौठानों में गोबर से पेंट बनाने का फरमान जारीकिया था। आदेश के बाद छत्तीसगढ़ के कई गौठानों में गोबर से पेंट बनाने का काम शुरू हुआ था। लगातार गोबर पेंट का उत्पादन बढ़ने पर राज्य शासन ने सरकारी भवनों कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में रंग रोगन का काम गोबर पेंट से ही किए जाने के आदेश दिए थे। रंग रोगन में केमिकल युक्त पेंट के उपयोग पर पाबंदी लगा दी थी। इस आदेश के बादप्रदेश के कई निकायों के गौठानों में गोबर पेंट उत्पादन के लिए यूनिट की स्थापना भी की गई, लेकिन राज्य शासन के आदेश के 2 वर्ष के बादभी बिलासपुर नगर निगम समेत जिले के अन्य आधा दर्जन नगरीय निकायों के गौठानों में भी एक भी गोबर पेंट यूनिट की स्थापना नहीं की जा सकी है।

एक वर्ष पहले हीरापुर-जरवाय गौठान मेंशुरू हुई थी यूनिट

राज्य शासन के आदेश के बाद रायपुर के हीरापुर जरवाय गौठान में गाय के गोबर से पेंट और पुट्टी बनाने के यूनिट कीस्थापना हुई थी। करीब 25 लाख रुपए की लागत से 5 मशीनें लगाई गई थी। तब से वहां गोबर पेंट और पुट्टी बनाने का काम जारी है।
ऐसे बनाता है गोबर यूनिट में गोबर पेंट


सबसे पहले 2 दिन पुराने गाय के गोबर को पहले डी वाटर कर्लिंग मशीन में डाला जाता है। गोबर में पानी मिलाया जाता है। लगभग 2 घंटे में गोबर का घोल तैयार होता है। फिर से गोबर के घोल को डी वाटर कर्लिंग मशीन में डालकर पेंट तैयार करने के लिए वर्णक रंग, ऐक्रेलिक पाउडर, टाइटेनियम डाइऑक्साइड, सफेद रंग का बाइंडर, कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड जैसे कई अन्य सामग्री मिलाई जाती है। फिर इन सबको हाई स्पीड डिसपेंसर मशीन में मिक्स किया जाता है। इसके बाद वाइट कलर में पेंट तैयार होता है। इसी तरह पुट्टी में होता है। पुट्टी को 2 से 3 तीन दिन सूखा कर पैकेजिंग की जाती है।
यूनिट तो शुरू नहीं, रंग रोगन भी केमिकल पेंट से

जिले के गौठानों में एक भी गोबर से पेंट और पुट्टीबनाने कीमशीन लगाने में नगरीय निकाय प्रभारी सफल नहीं हुए हैं। सरकारी भवनों के रंग रोगन काकाम लगातार जारीहै, लेकिनइसमें गोबर पेंट के बजाए केमिकल युक्त पेंट का उपयोग हो रहा है।
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