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ट्रेन में महिला की परछाई को दौड़ते देख बनाने लगे भूत का वीडियो , बाद में सामने आया सच तो मच गया बवाल

locationबिलासपुरPublished: Jun 21, 2019 08:26:51 pm

Submitted by:

Saurabh Tiwari

सुरक्षाकर्मियों ने भी पकड़ने का प्रयास किया लेकिन नहीं आई किसी के हाथ (ghost video) (drunk girl) (women safety) (RPF) (GRPF)

drunk young girl abused in train, chances of getting raped

ट्रेन में महिला की परछाई को दौड़ते देख बनाने लगे भूत का वीडियो , बाद में सामने आया सच तो मच गया बवाल

बिलासपुर. शहर के रेलवे यार्ड में बीते दिन एक अजीबोगरीब घटना हुआ जिसने सभी को हैरान परेशान कर दिया। ट्रेन में लोगों ने एक औरत की परछाई को दौड़ते देखा तो सबने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। बाद में पता चला के वह भूत नहीं बल्कि एक 20 वर्षीय युवती है जो नशाखोरी का शिकार हो गई थी और नशे में उसने खूब उत्पात मचाया। इतना की आरपीएफ कर्मी भी उसे नहीं पकड़ पाए। गौर करने वाली बात यह है की ऐसी हालत में युवती को देख किसी ने उसकी मदद नहीं किया। बल्कि वीडियो बनाने लगे। अगर गलती से लड़की पर किसी असामाजिक तत्व की नज़र पद जाती तो वह किसी गंभीर घटना जैसे की बलात्कार या छेड़छाड़ का शिकार हो सकती थी।
कोचिंग यार्ड के सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर 20 वर्षीय युवती ट्रेन के अंदर दौड़ लगा रही थी। सूचना मिलते ही आरपीएफ के जवान मौके पर पहुंचे गए। काफी मशक्कत के बाद युवती को पकड़ा गया। आगे की कार्रवाई के लिए युवती को आरपीएफ की महिला स्टाफ ने जीआरपी, रेलवे चाइल्ड लाइन व महिला बाल विकास के अधिकारियों से सम्पर्क किया, लेकिन सभी ने भी युवती को हैण्ड ओवर लेने इनकार कर दिया।
महिला सुरक्षा को लेकर रेलवे पुलिस व महिला बाल विकास के जो दावे हैं, वह केवल मौखिक ही लगते हैं। गुरुवार को एक ऐसा ही नजारा देखने को मिला। गुरुवार तड़के कोचिंग यार्ड के सुरक्षा कर्मियों ने रेलवे सुरक्षा बल को सूचना दी कि एक 20 वर्षीय युवती वाशिंग लाइन में घुस आई है और वह ट्रेन के अंदर दौड लगा रही है। सूचना मिलते ही रेलवे सुरक्षा बल की महिला स्टाफ कोचिंग यार्ड पहुंची और काफी मशक्कत के बाद युवती को हिरासत में लिया।
युवती (अनामिका – बदला हुआ नाम) की सुरक्षा के लिए लिहाज से जीआरपी को सुपुर्द करने पहुंची। जीआरपी ने मामले में युवती को लेकर जिला चिकित्सालय पहुंची व उसका मुलाहिजा करवाया। चिकित्सकों ने युवती के नशे में होना बताते हुए जीआरपी को इससे अवगत करा दिया। अनामिका को लेकर जीआरपी उज्जवला होम पहुंची, जहां दो घंटे इंतजार के बाद उज्जवला होम के संचालकों ने युवती को लेने से इनकार कर दिया। इस पर जीआरपी युवती अनामिका को लेकर वापस जीआरपी थाने पहुंची और अनामिका को आरपीएफ कार्यालय में छोड़ दिया।
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रेलवे सुरक्षा बल प्रभारी मधुबाला पात्र ने अनामिका से बात की तो अनामिका ने बताया कि वह चांपा की रहने वाली है, साथ ही पिता का मोबाइल नम्बर भी बताया। आरपीएफ ने संबंधित नं. पर फोन पर युवती के पिता से सम्पर्क किया और सारी कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पिता के सुपुर्द किया।
महिला बाल विकास अधिकारी ने कहा : अनामिका की हालत को देखते हुए उसकी सुरक्षा के लिहाज से जीआरपी व आरपीएफ की टीम उसे लेकर सीधे उज्जवला होम पहुंची। जहां युवती को करीब 2 घंटे तक बैठा कर रखा गया। आरपीएफ व जीआरपी भी परेशान होते रहे लेकिन, दो घंटे बाद उज्जवला होम ने अनामिका को कस्टडी में लेने से इंकार कर दिया।
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आरपीएफ की बडी लापरवाही:
अनामिका के मामले में जीआरपी की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। उज्जवला होम ने जब युवती को अभिरक्षा में लेने से इंकार किया तो जीआरपी को अनामिका को अपनी अभिरक्षा में लेकर उसे उसके परिजनों तक पहुंचाने के लिए प्रयास करना चाहिए था। न की रेलवे सुरक्षा बल में छोड़ कर अपनी जवाबदेही से बचाना था।
प्रभारी ने युवती को अभिरक्षा में लेकर मुलाहजा करवाया और उज्जवला होम छोडऩे भी गए थे। लेकिन उज्जवला होम ने रखने से इंकार कर दिया था। एएसआई की लापरवाही है। उसे युवती के परिजनों का पता लगाकर उसके सुपुर्द करना था मामले में एएसआई से जवाब लिया जाएगा।
मिलाना कुर्रे, रेल पुलिस अधीक्षक

उज्जवला होम को हमने सीधे किसी को भी लेने से मना कर रखा है। उज्जवला होम में न्यायालय, सखी सेंटर या फिर हमारे निर्देश पर रखने का निर्देश है। उज्जवला होम के कर्मचारियों ने हमे बाद में सूचना दी। दो घंटे तक युवती, जीआरपी व आरपीएफ को बैठकर रखा, यह गलती है। दुबारा ऐसा न हो, इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।
सुरेश सिंह, जिला महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी
देर रात सूचना मिले के बाद हमारी टीम ने युवती को अभिरक्षा में लिया, उसके बाद उसे जीआरपी व उज्जवला होम छोडने भी गई, लेकिन उज्जवला होम ने युवती को रखने से इंकार कर दिया। वही जीआरपी ने युवती को आरपीएफ पोस्ट में ही छोड़ कर चली गई। हमने युवती के परिजनों का पता लगाया और परिजनों के सुपुर्द किया है।-ऋषि कुमार, सीनियर डीएससी
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