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अगर जनसंख्या पर नहीं लगाई लगाम तो भुगतना होगा घातक परिणाम, पढ़ें क्या कहता है POPULATION REPORT

locationबिलासपुरPublished: Jul 11, 2019 12:10:42 pm

Submitted by:

Saurabh Tiwari

बढ़ती हुई जनसंख्या ने पृथ्वी और इस पर रहने वाले सभी जीवों के लिए परेशानियां खड़ी की हैं (population growth and environment) अगर हाल ऐसा ही रहा तो परिणाम घातक होंगे (population growth in india)

earth may suffer severe consequences of increasing world population

अगर जनसंख्या पर नहीं लगाई लगाम तो भुगतना होगा घातक परिणाम, पढ़ें क्या कहता है POPULATION REPORT

बिलासपुर। पूरी दुनिया जनसंख्या के बढ़ते बोझ से चिन्तित है (demerits of over population)। इससे न केवल हमारा आर्थिक विकास प्रभावित हुआ है बल्कि पर्यावरण, सामाजिक हर क्षेत्र के सन्तुलन को भी बिगाड़ दिया है, जिसका परिणाम हम बढ़ती प्राकृतिक एवं मानव जन्य आपदाओं तथा जलवायु परिवर्तन में विनाषकारी रूप में देख सकते हैं (population problem in india) । जल प्रदूषण, वायू प्रदूषण जैसी समस्याओं का कारण बढ़ती जनसंख्या ही है। जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव सीमित प्राकृतिक संसाधनों पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है, यह चिन्ताजनक स्थिति है।
इसलिए मनाया जाता है World Population day
जनसंख्या को काबू रखने के लिये लोगों को शिक्षित एवं जागरूक बनाने की दृष्टि से हर वर्ष 11 जुलाई को ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ पूरे विश्व में मनाया जाता है। 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 अरब हुई थी, तब से इस विशेष दिन को यूनाईटेड नेशन्स डेवलपमेन्ट प्रोग्राम द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस घोषित कर, हर साल एक याद और परिवार नियोजन का संकल्प लेने के दिन के रूप में याद किया जाने लगा है। (why world population day is celebrated)
हर देश में है विशेष महत्त्व (importance of world population day)
हर राष्ट्र में इस दिन का विशेष महत्त्व है, क्योंकि आज दुनिया के हर विकासशील और विकसित देश, जनसंख्या विस्फोट से चिन्तित हैं। विकासशील देश अपनी आबादी और जनसंख्या के बीच तालमेल बिठाने की कोशिश कर रहे हैं तो विकसित देश पलायन और रोजगार की चाह में बाहरी देशों से आकर रहने वाले शरणार्थियों के कारण परेशान हैं। भारत में इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, जनसंख्या वृद्धि दर को 2.1 प्रतिशत पर स्थिर करने का है।
बढ़ती हुई आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये किसी भी जिम्मेदार सरकार को प्राकृतिक संसाधनों का अन्धाधुन्ध दोहन करना पड़ता है (objectives of world population day) , जिसका खामियाजा अनेक रूपों में भुगतना पड़ता है। तीव्र गति से हो रही जनसंख्या बढ़ोत्तरी के अनेक कारण हैं। इनके प्रमुख कारणों में है, जन्म दर में वृद्धि तथा मृत्यु दर में कमी, निर्धनता, गाँवों की प्रधानता तथा कृषि पर निर्भरता, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, धार्मिक एवं सामाजिक अन्धविश्वास, शिक्षा का अभाव इत्यादि। इसके अलावा संयुक्त परिवार प्रथा तथा उष्ण जलवायु भी इसके कारकों में से है। (world population day)
घातक हैं जनसँख्या वृद्धि के परिणाम
जनसंख्या वृद्धि के अनेक दुष्परिणाम हमें भुगतने पड़ रहे हैं। इसका पहला दुष्परिणाम, प्राकृतिक परिवेश को ही भुगतना पड़ता है (world population day quotes) । बढ़ती जनसंख्या के कारण कृषि विस्तार के लिये वनों को काटा जा रहा है। इससे कृषि योग्य बंजर भूमि तथा विविध वृक्ष प्रजातियों तथा बागों की सुरक्षित भूमि में कमी हो रही है। जनसंख्या का दबाव निर्धनता, बेरोजगारी, आवास की समस्या, कुपोषण, चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव तथा कृषि पर भार के रूप में भी देखा जा सकता है। (world population day essay)
ये बातें बढ़ती जनसंख्या से निपटने के लिये जनसंख्या पर नियंत्रण तथा संसाधनों का संरक्षण एवं नियोजन करने की आवश्यकता को तुरन्त प्रभावी करने की ओर इंगित करते हैं (world population day theme) । जनसंख्या में हो रही वृद्धि को रोकने के लिये कई उपाय किये जा सकते हैं जिसमें बड़े स्तर पर परिवार नियोजन कार्यक्रमों को लागू करना, विवाह निर्धारण अधिनियम का कठोरता से पालन करना, जनसंख्या नियंत्रण के लिये लोगों को जागरूक करने के लिये शिक्षा प्रणाली में इसे सम्मिलित करना, ग्रामीण क्षेत्रों में मनोरंजन के साधनों का विस्तार तथा महिलाओं को व्यापक स्तर पर शिक्षित किया जाना जैसे उपाय कारगर हो सकते हैं। (world population day 2019 theme)
यह तभी सम्भव है जब देश का हर नागरिक जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम को समय रहते समझे तथा जागरूक रहकर सरकार के कार्यक्रमों में बढ़-चढकर हिस्सा ले, तभी इस गम्भीर चुनौती से निपटा जा सकता है। यह तभी सम्भव है जब देश का हर नागरिक जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम को समय रहते समझे तथा जागरूक रहकर सरकार के कार्यक्रमों में बढ़-चढकर हिस्सा ले, तभी इस गम्भीर चुनौती से निपटा जा सकता है।
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