मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सरप्लस बिजली के दावे का हाल-बेहाल(Electricity crisis in Chhattisgarh), साढ़े चौदह घंटे ठप रही बिजली, मोबाइल के टार्च की रौशनी में करना पड़ा शव का कफन-दफन(funeral procession in torchlight)
घंटों इंतजार के बाद भी जब नहीं आई बिजली तो टॉर्च की रोशनी में निकली शव यात्रा, अंधेरे में कब्रिस्तान पहुंचकर किया कफन-दफन
बिलासपुर. चरमराई विद्युत व्यवस्था के कारण भीषण गर्मी में लोगों का हाल-बेहाल (power cut)है। गुरुवार को तालापारा समेत आधा दर्जन इलाकों की बिजली (Electricity crisis)सुबह 11 बजे से रात 1.30 बजे तक ठप रही। पेंटर के परिजन उसके मृत देह (Dead body)का कफन-दफन करने के लिए बिजली का इंतजार करते रहे परंतु केवल आश्वासन ही मिलता रहा। कहीं से जब उम्मीद नहीं दिखी अंधेरे में शवयात्रा निकाली गई और मोबाइल के टार्च की रौशनी के बीच मरीमाई कब्रिस्तान में लाश का कफन-दफन किया गया।
तालापारा मुख्यमार्ग निवासी फिरोज उर्फ बड़ा गुड्डा पिता स्वर्गीय अब्दुल हमीद 40 साल स्प्रे पेंटिंग का कार्य करता था, वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था गुरुवार को दोपहर करीब 3.30 बजे बीमार फिरोज की मौत हो गई। धार्मिक रीति रिवाज के मुताबिक रात 8.30 बजे ईशा की नमाज के बाद शवयात्रा निकाला जाना तय हुआ , सुबह 11 बजे से बिजली ठप होने की वजह से गर्मी से हलाकान शोकाकुल परिजन दिन भर विद्युत महकमे के अफसरों को कॉल कर जानकारी लेते रहे कि आखिर बिजली कब तक आएगी पर हर बार जवाब मिला कि एकाध घंटे में आ जाएगी। बिजली का इंतजार करते -करते रात 10.30 बज गया पर बिजली नहीं आई।
इसके बाद परिजन और स्नेहीजन अंधरे में ही मृतक के निवास से शवयात्रा लेकर मरीमाई कब्रिस्तान के लिए निकले परंतु यहां भी अंधेरा छाया रहा। समाज के वरिष्ठजनों ने आसपास से इमरजेंसी लाइट की व्यवस्था की परंतु वह भी पर्याप्त नहीं था शवयात्रा में शािमल लोगों ने मोबाइल के टार्च से रौशनी दिखाई तब कहीं रात 11 बजे के आसपास शव का कफन-दफन हो सका। मृतक के भाई फारूख अहमद व परिवारजनों ने दुख जताते हुए कहा कि ईशा की नमाज के बाद फिर कॉल करने पर वही जवाब मिला कि एकाघ घंटे में लाइट आ जाएगी इसलिए लाइट का इंतजार करते रहे परंतु लाइट नहीं आई अंधरे में ही शवयात्रा निकालकर कब्रिस्तान पहुंचे तो वहां भी घुप्प अंधेरा छाया हुआ था। इमरजेंसी लाइट मंगाई गई और इमरजेंसी लाइट तथा लोगों के मोबाइल की रौशनी की मदद से शव का कफन-दफन करना पड़ा।
साढ़े चौदह घंटे बिजली ठप रर्ही, टार्च की रौशनी मे चचेरे भाई के शव का कफन-दफन करना पड़ा। इसके बाद करीब 1.30 बजे बिजली आई। यदि व्यवस्था नहीं सुधरी जनआंदोलन कर अफसरों के घरों की बिजली काटी जाएगी।
शेख नजीरूद्दीन, नेताप्रतिपक्ष नगर निगम बिलासपुर धार्मिक मान्यता के अनुसार ईशा की नमाज के बाद रात 8.30 बजे से 9.30 बजे तक और अधिकतम 10 बजे तक शव का कफन-दफन किया जाता है। गुरुवार की रात बिजली ठप होने की वजह से रात 11 बजे कब्रिस्तान में अंधेरे मे लोगों ने मोबाइल के टार्च की रौशनी के बीच शव का कफन-दफन किया। जब से सरकार बदली है बिजली की दिक्कत हो रही है। अब्दुल हफीज, केयर टेकर, मरीमाई कब्रिस्तान
न बिजली की कमी है और न ही जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है, जहां तक गुरुवार की बात है तालापारा समेत आसपास के इलाकों में जरूर इंदू चौक सबस्टेशन का पॉवर ट्रांसफार्मर फेल होने की कारण बिजली बंद रही। नया ट्रांसफार्मर ड्राप कराने और क्रेन का इंतजाम करना पड़ा भारी भरकम ट्रंासफार्मर को करीब 1 बजे चढ़ाने के बाद लाइन को जोड़कर डेढ़ बजे के आसपास बिजली चालू कर दी गई। अंधेरे में शव का कफन-दफन होने के संबंध में जानकारी नहीं है, चर्चा कर जानकारी लेता हूं। भीम सिंह कंवर, कार्यपालक निदेशक, बिलासपुर विद्युत क्षेत्र