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90 दिन बाद भी निलंबन न बढाने पर कर्मचारी बहाली का पात्र, आवेदन निराकृत करने के निर्देश

locationबिलासपुरPublished: Aug 03, 2023 10:20:34 pm

Submitted by:

KAMLESH RAJAK

 

बिलासपुर। दुर्ग निवासी डॉ. वंदना भेले मुख्य अस्पताल अधीक्षक के पद पर जिला बेमेतरा में पदस्थ थीं। उनके द्वारा स्थानांतरित स्थल, जिला-दुर्ग में विलंब से ज्वाइनिंग दिए जाने पर सचिव, स्वास्थ्य विभाग, रायपुर द्वारा 13 फरवरी 2023 को सेवा से निलंबित कर दिया गया। उसके पश्चात् 21 मार्च 2023 को सचिव, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन्हें आरोप पत्र जारी किया गया। निलंबन आदेश से क्षुब्ध होकर डॉ. वंदना भेले ने अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं घनश्याम शर्मा के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की।

Court's decision, accused of molesting a woman will remain behind bars for two years
Court's decision, accused of molesting a woman will remain behind bars for two years

कोर्ट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि डॉ. वंदना ने पारिवारिक परेशानियों के कारण स्थानांतरित स्थल पर विलंब से ज्वाइन किया था। उन्होंने जानबूझकर आदेश की अवज्ञा नहीं की थी। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी उल्लेख किया गया कि यदि वरिष्ठ अधिकारी अपने अधीन कर्मचारी को लगातार निलंबित रखना चाहते हैं तो उन्हें निलंबन के 90 दिवस के भीतर लगातार निलंबन में रखे जाने का पर्याप्त एवं विशेष कारण बताते हुए निलंबन को बढ़ाने का आदेश जारी किया जाना आवश्यक है। ऐसा न होने पर कर्मचारी बहाली का पात्र है। सुनवाई के पश्चात कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर सचिव, स्वास्थ्य विभाग को यह निर्देशित किया कि वे निलंबन से बहाली एवं निलंबन भत्ता प्रदाय करने याचिकाकर्ता के अभ्यावेदन का निराकरण करें।
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