जशपुर जिले के पत्थलगांव विकासखंड अंतर्गत कटंगजोर निवासी अरुण नवग्वाल समेत 13 अन्य अभ्यर्थी, जो कि अभियांत्रिकी के तकनीकी, कंप्यूटर विज्ञान, धातु विज्ञान, सूचना प्रोद्यौगिकी व इलेक्ट्रानिक एवं दूरसंचार विषयों में स्नातक हैं। साथ ही डीएड, बीएड व टीईटी उत्तीर्ण व शिक्षक संवर्ग के लिए पात्र हैं। परंतु लोक शिक्षा संचालनालय रायपुर ने 9 मार्च 2019 को शिक्षको की भर्ती के लिए जारी विज्ञापन में बीई के छात्रों को पात्र नहीं माना। जबकि गणित के 1500 व विज्ञान के 1000 पद समेत कुल 2500 पद शाङ्क्षमल हैं।
आवेदन से वंचित होने पर इन 13 अभ्यर्थियों द्वारा अधिवक्ता मतीन सि²िकी व नरेंद्र मेहर के माध्यम से हाईकोर्ट में सेवा याचिका लगाई गई। याचिका में आधार लिया गया कि मार्च 2013 में एक अधिसूचना के माध्यम से छग शिक्षा नगरीय निकाय भर्ती सेवा नियम 2013 में संस्थित किया गया है, जिसके अनुसार शिक्षक नगरीय निकाय पद के लिए न्यूनतम शैक्षिक अहर्ता स्नातक, दो वर्षीय डिप्लोमा व टीईटी उत्तीर्ण होना है। उपरोक्त दोनों पदों के लिए बीई अथवा बीटेक वांछित योग्यता थी। याचिका में ये भी कहा गया कि राज्य शिक्षा परिषद अनुसंधान व प्रशिक्षण द्वारा 16 जून 2017 को एक दिशा-निर्देश जारी कर स्पष्ट कहा गया है कि न्यूनतम 55 प्रतिशत अंक लेकर अभियांत्रिकी में स्नातक करने वाले अभ्यर्थी बीटेक या बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। लिहाजा याचिकाकर्ता उपरोक्त दोनों विषयों के शिक्षक पदों के लिए आवेदन के अधिकारी हैं।
जस्टिस पीसैम कोशी की एकलपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद स्कूल शिक्षा विभाग को सभी याचिकाकर्ताओं के आवेदन स्वीकार करने का निर्देश दिया है। साथ ही कहा है कि अगर आनलाइन आवेदन स्वीकार करने में समस्या हो तो सभी के आवेदन सीधे स्वीकार किए जांएं।