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प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की एनजीटी के निर्देश पर जांच शुरू, पर्यावरण सदस्य सचिव कर रहे दौरा

locationबिलासपुरPublished: Aug 12, 2018 05:35:38 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

कंपनी को 15 दिन में वायू प्रदूषण दूर करने के निर्देश दिए, अन्यथा उद्योग बंद करने की चेतावनी दी गई है।

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प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की एनजीटी के निर्देश पर जांच शुरू, पर्यावरण सदस्य सचिव कर रहे दौरा

बिलासपुर. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश का असर इन दिनों दिख रहा है। संभाग में चलने वाले सभी उद्योगों की सघन जांच का सिलसिला गत 1 अगस्त से शुरू हो गया है। शासन के आवास एवं पर्यावरण विभाग के सदस्य सचिव संजय शुक्ला स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पिछले दिनों परसदा स्थित माहेश्वरी कोल बेनिफिकेशन कंपनी को सचिव ने खुद जांच कर वायू प्रदूषण का दोषी पाते हुए मौके पर ही नोटिस जारी किया। कंपनी को 15 दिन में वायू प्रदूषण दूर करने के निर्देश दिए, अन्यथा उद्योग बंद करने की चेतावनी दी गई है। सचिव ने पर्यावरण मंडल के अधिकारियों को संभाग के सभी जिलों का दौरा कर प्रदूषण फैलाने वाले सभी उद्योगों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है नोटिस के 15 दिन में अमल नहीं करने वाले उद्योगों को बंद करने की कार्रवाई की जाए।
एनजीटी ने राज्य के मुख्य सचिव को हर माह जानकारी देने कहा : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दिल्ली और भोपाल की बेंच ने राज्य के मुख्य सचिव को प्रदूषण पर नियंत्रण की जिम्मेदारी दी है। आयोग ने आदेश में स्पष्ट कहा है पहले इन उद्योगों को चिन्हांकित करें और नोटिस जारी कर तय समय सीमा में प्रदूषण दूर करने के लिए कहें। समय सीमा में ऐसा नहीं करने वाले उद्योगों को अविलंब बंद करने की कार्रवाई की जाए। भले ही उद्योग कितना बड़ा और सरकार का ही कोई उपक्रम ही क्यों ना हो।

15 से अधिक उद्योगों को नोटिस : सचिव के इस निर्देश के बाद क्षेत्रीय कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है। प्रबंधक के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम दस दिनों से संभाग के दौरे पर है। टीम ने जांजगीर, चांपा, मस्तूरी, अकलतरा, कोरबा, अंबिकापुर समेत अन्य क्षेत्रों का दौैरा कर 15 से अधिक उद्योगों को नोटिस जारी किया है। इन सभी उद्योगों को वायू प्रदूषण अधिनियम 1981 की धारा 31 के तहत नोटिस जारी किया गया है।
अफसरों की टीम कर रही लगातार दौरा : एनजीटी के आदेश का सख्ती से पालन हो रहा है। अधिकारियों की टीम लगातार दौरे पर है। उद्योगों की जांच की जा रही है। तीन महीने में 100 से अधिक उद्योगों को नोटिस जारी कर प्रदूषण नियंत्रण के लिए कहा गया है। नोटिस पर अमल नहीं करने वाले उद्योग बंद किए जाएंगे।
अनिता सावंत, क्षेत्रीय प्रबंधक पर्यावरण संरक्षण मंडल

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