ईओडब्लयू ने शपथपत्र में कहा जांच जारी, दोषियों पर करेंगे कार्रवाई
जलकी जमीन मामला निराकृत

ईओडब्ल्यू के शपथपत्र के बाद कोर्ट ने कहा- एक विभाग जांच कर रहा तो अलग से जांच जरूरी नहीं
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क बिलासपुर. वन विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से रिसॉर्ट बनाने के मामले में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एवं परिजनों के खिलाफ दायर जनहित याचिका हाईकोर्ट से निराकृत हो गई। सीजे अजय कुमार त्रिपाठी एवं जस्टिस प्रींतिकर दिवाकर की युगलपीठ में सोमवार को आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की ओर से शपथपत्र में जवाब देकर बताया गया कि मामले की जांच चल रही है, जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। इस पर हाईकोर्ट ने याचिका निराकृत करते हुए कहा जब एक विभाग मामले की जांच कर रहा है तो अलग से जांच कराने का कोई औचित्य नहीं है। कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक और उनके पति विनोद नायक ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर मंत्री अग्रवाल, उनकी पत्नी, बेटे और परिजनों पर महासमुंद जिले के जलकी गांव की 4 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि पर कब्जा करने और जमीन का निजी इस्तेमाल कर रिसॉर्ट बनाने का आरोप लगाया है। याचिका में कहा गया कि उक्त जमीन को विष्णु एवं अन्य चार लोगों ने वन विभाग को दान में दिया था। इस जमीन पर 16 लाख से अधिक पौधे लगाए गए थे। उक्त जमीन पर सरिता अग्रवाल एवं अन्य ने रिसॉर्ट का निर्माण करा लिया है। उक्त जमीन के पास ही सरिता अग्रवाल का 177 एकड़ का फार्म है। याचिका में बताया गया कि जमीन पर अवैध कब्जे और गलत तरीके से रजिस्ट्री की शिकायत ग्रामीणों ने वन विभाग, एसीबी और ईओडब्ल्यू से की, लेकिन किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई। हाईकोर्ट ने 19 जून को मामले की सुनवाई के बाद शासन से इस संबंध में शपथपत्र में जवाब देने के निर्देश दिए थे, साथ ही पूछा था कि इस संबंध में अबतक क्या कार्यवाही की गई है।
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