कंपनी के लिए काम करेंगे ठेका कर्मचारी : निगम आयुक्त सौमिल रंजन चौबे ने बताया कि विकास भवन में कंपनी का कंट्रोल रूम होगा, जहां से पूरी सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग कराई जाएगी। ठेका फर्म द्वारा शहर को 475 भाग में बांटकर 27 किलोमीटर में मशीनों से और बाकी हिस्सों में मैन्युअल सफाई कराई जाएगी। आयुक्त ने कहा, केवल पुराना ठेका निरस्त किया जा रहा है। कोई बेरोजगार नहीं होगा। दैनिक , टॉस्क व ठेके पर कार्य कर रहे श्रमिक अब कंपनी के लिए काम करेंगे।
पानी की करेंगे बचत : सफाई कार्य में होने वाली पानी की खपत के सवाल पर ठेका फर्म के मैनेजर ने कहा कि सड़क, फुटपाथ, डिवाइडरों और मूर्तियों की सफाई मिस्ट ब्लोवर से कराई जाएगी। इसमें 400 से 500 लीटर तक पानी खर्च होगा। इसके लिए भी निगम आयुक्त से आग्रह किया गया है कि ट्रीटमेंट प्लांट की व्यवस्था करे, ताकि उसी पानी से काम चलाया जा सके।
1 करोड़, 55 लाख रुपए मासिक खर्च : आयुक्त ने बताया कि 1 करोड़ 55 लाख मासिक दर पर फर्म को 3 साल के लिए ठेका दिया गया है। पूरा प्रोजेक्ट 58 करोड़ का है। इसका 1 तिहाई खर्च केंद्र शासन और एक तिहाई राज्य शासन वहन करेगा। 50 फीसदी निगम को देना पड़ेगा, जिसमें करीब 80 लाख खर्च आएगा। अभी सफाई ठेके पर हर माह 60 लाख खर्च आ रहा है।