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स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे चल रहा झोलाझाप डॉक्टरों का धंधा, खतरे में 500 से ज्यादा जान

locationबिलासपुरPublished: May 07, 2021 08:38:01 pm

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CG Desk

– खतरे में जिन्दगी : 529 से ज्यादा झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं इलाज, कोरोना में गांवों में क्लीनिक हो रही गुलजार, दवा के नाम पर वसूल रहें मोटी रकम .

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स्वास्थ्य विभाग के नाक के नीचे चल रहा झोलाझाप डॉक्टरों का धंधा, खतरे में 500 से ज्यादा जान

बिलासपुर। लंबे समय से झोलाछाप डाक्टर गांव-गांव में निजी क्लीनिक खोलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। ऐसा नहीं है इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इनके खिलाफ बीच बीच में कार्रवाही के नाम पर खानापूर्ति किया जाता रहा है। झोलाछाप डाक्टरों के इलाज के मौत होने का मामला भी प्रकाश में आ चुका है। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग नींद में है। बिल्हा विधानसभा क्षेत्र कोरमी गांव की घटना से एक फिर स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलकर रख दी है।
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बताया जाता है इन फर्जी दवाखानों में मरीज की जांच से लेकर दवाइयां, भर्ती करने के लिए बेड, ऑपरेशन थियेटर, डिलेवरी रूप सब कुछ है। लेकिन इलाज उनका है, जान हमारी खतरे में है। जिले की जनता का स्वास्थ्य झोलाछाप डाक्टरों के हाथ में चला गया है बंगाली डाक्टरों ने गांवों में पांव पसार रखे हैं। एक मकान या दुकान किराए पर लेकर झोलाछाप डॉक्टर अपना दवाखाना खोलकर बैठ गए है। चिकित्सा विभाग व प्रशासन द्बारा महज इक्का-दुक्का कार्रवाई होने और ठोस कार्रवाई अमल में नहीं होने से झोलाछाप धड़ल्ले से जनता के स्वास्थ्य के छल का व्यापार कर रहे है। इनकी संख्या 529 बताई जा रही है।
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कोरोना काल का उठा रहे हैं फायदा
कोरोना के नाम पर गांव-गांव में चल रहा धंधा कोरोना संक्रमण काल में एक तरफ स्वास्थ्य सुविधा लचर है। तो दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में सैंकड़ो झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक गुलजार हो रही है। ग्रामीण भी शहर को छोड़ छोटे-मोटे क्लीनिको में ही उपचार कराना बेहतर समझ रहें है। यहां ये झोलाछाप डॉक्टर ग्रामीणों को जड़ी बूटी और होम्योपैथी दवा कोरोना के उपचार के नाम पर दे कर मोटी रकम कमा रहें है। दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण के रोकथाम में ही उलझी हुई है। इस लिए ऐसे बंगाली डॉक्टरों के खिलाफ अभी कार्रवाई भी बंद हो चुकी है।
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दो गुनी रकम लेकर करते हैं इलाज
दवाइयों की भरमार, एमबीबीएस की तरह इलाज वैसे तो झोलाछाप फोड़ा-फुंसी या सिर दर्द जैसी बीमारी का इलाज करने के लिए भी अधिकृत नहीं है। लेकिन गांव की ग्रामीणो को यह बड़ा डॉक्टर बताकर ठग रहे है और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यह डॉक्टर मलेरिया, खांसी, सर्दी-जुकाम सहित कई बड़ी बीमारियों व दुर्घटना होने पर घायलों का इलाज भी करते है। भोली भाली जनता से पैसा वसूलने के लिए यह डाक्टर मरीज को भर्ती करके ड्रिप चढ़ाने, इंजेक्शन लगाने सहित घायलों को पट्टी करने और कई बार टांके लगाने तक के काम कर लेते है।
समय समय पर शिकायत मिलने के साथ ही विभाग के स्पेशल टीम शहर और गांवों में छापामार कार्रवाई करते है। हाल ही में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक भी सील की गई है। कार्रवाई की जाती है।
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