शहीद विवेक शुक्ला की पत्नि रीमा शुक्ला अपने दोनों बच्चों को मां और बाप दोनों का प्यार दे रही हैं। उनकी हर कमी को पूरा करने के लिए हमेशा प्रयासरत रहती है। उनहोंने बताया कि मेरा बड़ा बेटा अक्सर मुझसे पूछता था कि पापा क्यों नहीं आ रहे हैं, कहां गए हैं। मैंने उसे सांत्वाना देते हुए बताया कि वे आसमान के तारे बन गए हैं और तुम्हारी हर गलती को देखते हैं। दोनों बेटे पढ़ाई में काफी होशियार हैं। जिसमें बड़ा बेटा श्रीजन शुक्ला क्लास 2 व सार्थक शुक्ला केजी 2 में अध्ययनरत हैं।
शहीद विवेक शुक्ला के छोटे भाई वैभव शुक्ला ने बताया कि भाई के गुजर जाने के बाद अनुकंपा नियुक्ति के लिए कई बार मैं नेता, मंत्री और बाबुओं से मिल चुका हूं, लेकिन 5 साल गुजर जाने के बाद भी मुझे नौकरी नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि मेरा कुछ मामला कोर्ट में चल रहा था, जो पूरी तरह समाप्त हो गया है। उसके बावजूद भी मुझे आज तक नौकरी नहीं मिली। मालूम हो कि कोई जवान जब शहीद होता हैं तो उनके परिजनों को नौकरी देने का प्रावधान हैं।