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चार साल से मुआवजा के लिए भटक रहे किसान, आंदोलन करने की दी चेतावनी

locationबिलासपुरPublished: Jan 14, 2018 12:36:00 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

जिले के बेलतरा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में जमीन के अधिग्रहण के लगभग चार वर्षों के बाद भी अधिकतर किसानों को मुआवजे के नाम पर एक ढेला भी नहीं मिला।

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बिलासपुर . जिले के बेलतरा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में जमीन के अधिग्रहण के लगभग चार वर्षों के बाद भी अधिकतर किसानों को मुआवजे के नाम पर एक ढेला भी नहीं मिला। कडऱी डेम व खैरा डंगनिया जलाशय के लिए किसानों की जमीनें तो ले ली गर्ईं, लेकिन मुआवजा के नाम पर उन्हें आश्वासन ही मिला। 15 दिनों के अंदर राहत नहीं दिए जाने पर किसान उग्र अंादोलन करेंगे। जिला कांग्रेस महामंत्री अजय सिंह व अनिल सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों ने राज्य शासन व जिला प्रशासन के खिलाफ कई बार ज्ञापन देकर मोर्चा खोला, किंतु किसानों की सुध लेने प्रशासन की ओर से अभी तक कोई ठोस पहल नहीं की गयी है। कांग्रेस का आरोप है कि राज्य सरकार लोक सुराज जनदर्शन जैसे ढ़कोसले कर जनता को भ्रमित करती है। मूलत: आवेदनों और समस्याओं का अंबार हर क्षेत्र में लगा हुआ है। जिले के बेलतरा क्षेत्र के कडऱी डेम व खैरा डंगनियां बांध सिंचाई परियोजना के नाम पर सैकड़ों किसानों की जमीन को लगभग चार वर्ष पूर्व अधिग्रहित कर लिया गया, किंतु मुआवजे नहीं दिया गया। दर्जनों किसान तो चार वर्ष पूर्व ही पूरी तरह भूमिहीन हो गए हैं। जीविकोपार्जन का कोई साधन नहीं है। मजदूरी करके जीवन यापन कर रहे हैं। विगत दो माह से कडऱी, बसहा, खैरा, डंगनिया, लखराम, सिंघरी, भरवीडीह के किसानों ने जिला कांग्रेस के महामंत्री अजय सिंह व महामंत्री अनिल सिंह चौहान के नेतृत्व में जिला प्रशासन व राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल कर मुआवजे की मंाग की है।
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जनदर्शन से लेकर घेराव व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देने के बाद मामले में तेजी आई है। जिलाधीश ने जल संसाधन विभाग के अफसरों और भू-अर्जन अधिकारी को निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद भी प्रशासन द्वारा 12 जनवरी को प्रदत्त जानकारी के अनुसार ग्राम कडऱी में प्रारूप क में जिलाधीश के हस्ताक्षर की प्रक्रिया ही नहीं हुई है। इसी प्रकार ग्राम बसहा और लखराम में भौतिक सत्यापन कार्य बाकी है। भरवीडीह व खैरा डंगनिया में प्रकरण कुछ आगे तो बढे हैं किंतु मुआवजे के नियमों को लेकर जिलाधीश से मार्गदर्शन व विक्रय पत्र निष्पादन हेतु पेंडिंग हैं। सिंघरी के प्रकरणों पर कोई कार्यवाही ही प्रारंभ नहीं हो सकी है।
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