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शहर के पांच निजी अस्पतालों ने इलाज करने से किया इंकार, जानें क्या है मामला

locationबिलासपुरPublished: Feb 14, 2019 12:26:16 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

मरीजों को अपने जेब से खर्च कर इलाज करना पड़ रहा है।

Hospital

शहर के पांच निजी अस्पतालों ने इलाज करने से किया इंकार, जानें क्या है मामला

बिलासपुर. भारत आयुष्मान योजना के तहत शहर के पांच निजी अस्पतालों ने इलाज करने से साफ इनकार कर दिया है। सीएमएचओ द्वारा लिखे गए पत्र का कुछ डाक्टरों ने जवाब दिया है कि इस योजना में इलाज के लिए काफी कम पैकेज रखा गया है और पिछले 8 महीने से भुगतान नहीं हो रहा है। इसलिए आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने कम दर पर बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए भारत आयुष्मान योजना लागू की है। इस योजना के अंतर्गत जिले के 75 अस्पतालों को पंजीकृत किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सभी अस्पताल संचालक गरीबों का इलाज कर रहे हैं लेकिन जिले के पांच अस्पतालों ने इस योजना से इलाज बंद कर दिया है। पांचों अस्पताल हड्डी रोग का है। यहां जाने वाले मरीजों को अपने जेब से खर्च कर इलाज करना पड़ रहा है।
बताया जाता है पांचों अस्पताल के संचालकों को सीएमएचओ कार्यालय से पत्र भेजकर आयुष्मान योजना के तहत गरीबों का इलाज नहीं करने की जानकारी मांगी गई। इसमें से कुछ डाक्टरों ने इलाज के पैंकेज को काफी कम बताया है। वहीं कुछ ने भुगतान में काफी विलंब होने की जानकारी दी है। वेयर हाउस रोड संजीवनी अस्पताल के संचालक डॉ. विनोद तिवारी ने बताया कि पिछले 8 महीने से उनके अस्पताल के बिलों का भुगतान नहीं हो पाया है। प्रशासन से राशि समय पर देने की मांग कई बार की गई लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है। डॉ. तिवारी ने बताया जिले में लगभग 7 करोड़ रुपए इलाज का पैसा फंसा है। इसमें मेरे अकेले का 72 लाख रुपए है। आयुष्मान योजना लागू होने के बाद डाक्टरों इलाज के लिए तय पैकेज को लेकर विरोध किया था। विधानसभा चुनाव करीब आते ही डाक्टरों के उपर दबाव बनाकर इलाज शुरु कराया गया। आचार संहिता लागू होने के बाद इस योजना के तहत प्रदेश भर के डाक्टरों ने इलाज करना बंद कर दिया। भुगतान में देर होने का कारण बताते हुए डाक्टरों ने स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद कर दिया।

अधूरी सेवाएं दी जा रही है : आयुष्मान भारत योजना के तहत जिले के अधिकांश डाक्टर काम कर रहे हैं, लेकिन पूरी तरह से इलाज नहीं किया जा रहा है। अस्पताल संचालकों ने बोर्ड लगा रखा हैं। जिससे मरीज धोखा रहे हैं। इलाज चालू होने के बाद उन्हें बताया जाता है कि इस योजना पर कौन कौन सा इलाज किया जा रहा है और कौन सा नहीं जबकि यह जानकारी उपचार शुरू करने से पहले दी जानी चाहिए।
इन पांच अस्पतालों ने बंद किया इलाज : संजीवनी अस्पताल, बुधिया अस्पताल, मुंदड़ा अस्पताल, खंडूजा आर्थो हास्पिटल, बिलासपुर हास्पिटल ने इलाज बंद कर दिया है।
पांच अस्पताल संचालकों ने किया इंकार : आयुष्मान योजना के तहत शहर के पांच अस्पताल संचालकों ने काम करने से इनकार कर दिया है। जिनका पंजीयन रद्द करने के लिए प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है। योजना को लागू नहीं करने के लिए कई प्रकार के कारण बताए गए हैं।
बीबी बोर्डे, सीएमएचओ

मुख्य मुद्दा है भुगतान का : पैकेज मुद्दा नहीं है, जो पैकेज तय किया गया है, उससे गरीबों का इलाज हो जा रहा है। मुख्य मुद्दा भुगतान का है। पिछले 8 महीने से भुगतान को लेकर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण इलाज बंद कर दिया है। जिले के डाक्टरों का लगभग 7 करोड़ रुपए बकाया है।
डॉ. विनोद तिवारी, संचालक संजीवनी, अस्पताल
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