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इस गुप्त नवरात्र में पांच रवियोग, भूलकर भी नहीं करें ये काम, 10 फरवरी से हो रहा शुरू

Gupt Navratri 2024: यह नवरात्रि कलश स्थापना से शुरू होकर 19 फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगी। श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर माता की आराधना करेंगे। घरों एवं मंदिरों में कलश की स्थापना तथा शक्ति की उपासना होगी…

बिलासपुरFeb 02, 2024 / 01:39 pm

चंदू निर्मलकर

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Gupt Navratri 2024: वरीयान योग में शिशिर नवरात्र यानी गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। यह नवरात्रि कलश स्थापना से शुरू होकर 19 फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगी। श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर माता की आराधना करेंगे। घरों एवं मंदिरों में कलश की स्थापना तथा शक्ति की उपासना होगी।

माघ शुक्ल प्रतिपदा 10 फरवरी (शनिवार) को धनिष्ठा नक्षत्र व वरीयान योग में शिशिर नवरात्र यानी गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है। यह नवरात्रि कलश स्थापना से शुरू होकर 19 फरवरी को विजयादशमी से साथ संपन्न होगी। श्रद्धालु निराहार या फलाहार रह कर माता की आराधना करेंगे। घरों एवं मंदिरों में कलश की स्थापना तथा शक्ति की उपासना होगी। गुप्त नवरात्र में तंत्र साधना की प्रधानता होती है। इस नवरात्र में श्रद्धालु अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियों में वृद्धि करने के लिए उपवास, संयम, नियम, भजन, पूजन योग साधना आदि करते हैं. तंत्र और शाक्त मतावलंबी साधना के दृष्टि से गुप्त नवरात्रों के कालखंड को बहुत सिद्धिदायी मानते हैं।

दुर्लभ संयोग में 10 से शुरू होगी गुप्त नवरात्रि
शिशिर नवरात्र में ग्रह-गोचरों का अति पुण्यकारी संयोग बन रहा है, जो श्रद्धालुओं के मनोकामना पूर्ति करने वाला होगा। इस नवरात्र में पांच रवियोग, दो सर्वार्थ सिद्धि, चार जयद् योग, दो सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग, एक त्रिपुष्कर व सिद्ध योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। गुप्त नवरात्रि में पूजा का अवश्य फल मिलता है।

देवी दुर्गा के पाठ से रोग-शोक से मुक्ति
गुप्त नवरात्र में बनने वाले सिद्धिदायी योग में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना अत्यंत कल्याणकारी होगा। नवरात्र में दुर्गा सप्तशती, देवी के विशिष्ट मंत्र का जाप, दुर्गा कवच, दुर्गा शतनाम का पाठ प्रतिदिन करने से रोग-शोक आदि का नाश होता है। व्यवसाय में वृद्धि, रोजगार, रोग निवारण आदि मनोकामनाओं के लिए इस नवरात्र में देवी की आराधना की जाती है।
घट स्थापना शुभ मुहूर्त
घटस्थापना शनिवार 10 फरवरी 2024 को सुबह 6 बजे से 11 बजे तक शुभ रहेगा। इस समय घट स्थापना का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त है। बाकी समय भी मध्यम शुभ रहेगा। मान्यतानुसार गुप्त नवरात्र के दौरान अन्य नवरात्रों की तरह ही पूजा करनी चाहिए। नौ दिनों के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिप्रदा यानि पहले दिन घटस्थापना करनी चाहिए।
10 महाविद्याओं की साधना
गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं में मां काली देवी, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धूमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी की पूजा की जाती है। इस वर्ष पंचांग के अनुसार माघ माह की गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 से प्रारंभ हो रही है और 18 फरवरी 2024 तक यह पर्व काल चलेगा।

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