बरसों तक फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वाले जल संसाधन ईई नौकरी से
बर्खास्त
बिलासपुरPublished: Feb 20, 2020 11:39:28 am
कई बरस तक अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने और पदोन्नति में कार्यपालन अभियंता पद तक पहुंच गए । शिकायत हुई,छानबीन व जांच की गई।
Teacher and warden suspended for assaulting female students
बिलासपुर . कई बरस तक अनुसूचित जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने और पदोन्नति में कार्यपालन अभियंता पद तक पहुंच गए । शिकायत हुई,छानबीन व जांच की गई। लेकिन बर्खास्त कार्यपालन अभियंता मधुकर बि_ल राव कुम्भारे आखिरकार अनुसूचित जाति होने का प्रमाण पेश नहीं कर सके। गड़बड़ी में निलंबित अवधि में ही सेवा से बर्खास्त कर दिया गया । यह आदेश यहां पहुंचा है।
जल संसाधन विभाग के हसदेव बैरा ,जल प्रबंध संभाग रामपुर -कोरबा में पदस्थ मधुकर बि_ल राव कुम्भारे चार माह से अधिक समय से विभाग में गड़बड़ी के चलते राज्य शासन ने निलंबित कर दिया था। इसी बीच उनके फर्जी जाति प्रमाण पत्र की जांच रिपोर्ट आई। इसमें कुम्भारे को अनुसूचित जनजाति ‘हल्बा ’ के प्रमाण पत्र की जांच कराई गई। बर्खास्त कार्यपालन अभियंता का यह अजजा जाति प्रमाण फर्जी पाया गया । मप्र के जिला छिंदवाड़ा के पांढुरना के तहसीलदार से जांच कराई गई। इस जांच में मौजूद नहीं रहा । कुम्भारे ने हल्बा जाति होने का जांच समिति को कोई भी साक्ष्य दस्तावेज पेश नहीं कर सका।
अजाक संयोजक ने दिया था प्रमाण पत्र
अविभाजित मप्र और छत्तीसगढ़ में जाति प्रमाण पत्र बनाने का अधिकार तहसीलदार को दिया गया है। लेकिन बर्खास्त कार्यपालन अभियंता मधुकर कुम्भारे ने १९ अगस्त १९८१ को आदिम जाति एवं हरिजन कल्याण रायपुर के जिला संयोजक ने अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण बनाया था। इसी प्रमाण पत्र के सहारे कुम्भारे जल संसाधन विभाग में नौकरी कर रहा था ,फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे व पदोन्नति भी लिया गया।
निलंबित अवधि में सेवा से बर्खास्त
राज्य शासन ने मधुकर कुम्भारे को सदेव बैराज जल प्रबंध संभाग जल संसाधन विभाग रामपुर में कार्यपालन अभियंता के पद से गड़बड़ी करने पर निलंबित कर दिया था। इसी निलंबन अवधि के दौरान छग सिविल सेवा नियम १९६६ के नियम १२ द्वारा प्रदत्त शक्तियों पर राज्य शासन ने फजी जाति प्रमाण पर नौकरी करने पर सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। बर्खास्तगी का आदेश जल संसाधन विभाग के अवर सचिव वृन्दावन सेन ने जारी किया है। यह आदेश मुख्य अभियंता कार्यालय पहुंच गया है।