घंटों थमा रहा रेल यातायात: इस हादसे के बाद रेल लाइन पर डेमेज इंजन व मृत हाथियों के पड़े रहने से अप और डाउन दिशा की लाइन कई घंटे तक रेल यातायात ठप रहा। हाथियों के शव को हटाने व क्षतिग्रस्त इंजन को लाने के बाद ट्रैक पर रेल यातायात शुरू हो सका।
देर रात की घटना है। हाथियों का दल रेल ट्रेक पार करते समय मुम्बई-हावड़ा ट्रेन की चपेट में आ गया था। इससे चार हाथियों की मौत हो गई। कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई थीं, लेकिन अब यातायात सामान्य हो चुका है।
-प्रकाश चंद्र त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक सीनियर पीआरओ एसईसीआर
-प्रकाश चंद्र त्रिपाठी, उप महाप्रबंधक सीनियर पीआरओ एसईसीआर
चक्रधरपुर रेल लाइन पर मुम्बई-हावड़ा मेल की चपेट में आकर तीन वयस्क हाथी और 1 शावक की मौत हो गई। इस हादसे में घटना में मेल का इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया। रविवार देर रात हुई इस घटना के बाद मेल के इंजन को किसी तरह वापस बिलासपुर लाया गया।
ट्रेन नम्बर 12810 हावड़ा-मुंबई मेल ओडिशा के झरसुगुड़ा से आगे पहुंची थी। इसी दौरान बागडीह-धुतरा के बीच हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रेक पार कर रहा था। लोको पायलट एकाएक ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका, और ट्रेन हाथियों के झुंड पर चढ़ गई। इस हादसे में चार हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें एक शावक भी शामिल था।
ट्रेन नम्बर 12810 हावड़ा-मुंबई मेल ओडिशा के झरसुगुड़ा से आगे पहुंची थी। इसी दौरान बागडीह-धुतरा के बीच हाथियों का एक झुंड रेलवे ट्रेक पार कर रहा था। लोको पायलट एकाएक ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर सका, और ट्रेन हाथियों के झुंड पर चढ़ गई। इस हादसे में चार हाथियों की मौके पर ही मौत हो गई। इनमें एक शावक भी शामिल था।