सुभाष श्रीवास्तव उम्र 50 वर्ष सरकंडा बिलासपुर में मौसम विभाग कार्यालय के पीछे रहता है । रधेश्याम दिवाकर (बी.ई.ओ.), से सुभाष की पुरानी मित्रता थी परिवारिक संबंध भी थे । सुभाष की पत्नी सावित्री श्रीवास्तव भी उनके घर आती जाती थी, आपसी बातचीत में राधेश्याम की पत्नी कामिनी दिवाकर ने सावित्री से कहा कि उसके पति शिक्षा विभाग में नौकरी करते है । विभाग के बडे बडे अधिकारियों तब उसकी पहुच है, खर्च करने पर नौकरी लगाने का झांसा देकर 5 लाख देने की बात कही । और 1 वर्ष का समय माँगा । दिनांक 12-09-2012 को राधेश्याम दिवाकर को सुभाष ने नौकरी लगाने के लिए 4 लाख नगद दिए और 1 लाख काम होने के बाद देने की बात कही। इसके बाद सावित्री ने अपनी देवरानी जया श्रीवास्तव को भी उक्त बातें बतायी तो उसकी देवरानी जया श्रीवास्तव एवं प्रकाश साहू भी पैसा देने को तैयार हो गये कुछ दिनों बाद उन दोनो ने भी राधेश्याम दिवाकर को तीन तीन लाख दिये, दिवाकर ने उन्हे भी नौकरी लगाने का आश्वासन दिया था । सुभाष और सावित्री राधेश्याम दिवाकर के पास जाकर कई बार पूछताछ किये परंतु 1 साल बीतने पर भी सावित्री की नौकरी नही लगाया और अपने मित्रतापूर्ण संबंधो का लाभ लेते हुए धोखा देते रहे । इसके बाद राधेश्याम दिवाकर ने पैसा वापसी कहकर 10 लाख रूपये का चेक दिया और बैंक में जाकर बैंक मैनेजर से चेक गुम हो जाने की सूचना देकर सुभाष से धोखा देकर उनसे पैसा ले लिया है ।