इसके पहले डिवीजन बेंच ने यह बताने को कहा था कि पुल आसपास के गांवों और मुख्य सड़क से कितनी दूर है। उल्लेखनीय है कि बलरामपुर जिले के सिंदूर ग्राम पंचायत के पास ही स्थित सिंदूर नदी के लिए पुल स्वीकृत किया गया है। इस पुल से आसपास के और भी गांवों को आवागमन की सुविधा मिलती। पुल के लिए टेंडर स्वीकृत कर निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई थी। लेकिन इसी बीच पुल की लोकेशन अचानक बदल कर गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर कर दी गई। साथ ही पुल इससे मुख्य सड़क से भी लगभग एक किलोमीटर दूर हो गया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए दिवेश कुमार गुप्ता ने वकील धीरेंद्र पांडे के माध्यम से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। याचिका में बताया गया कि पुल की लोकेशन स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप से बदली गई। इससे पुल न सिर्फ आसपास के गांवों से दूर हो गया बल्कि इसकी लागत भी कई गुना बढ़ कर लगभग 1 हजार करोड़ रुपए हो गई। पुल जिस नई जगह बनाया जा रहा, वहां वन क्षेत्र है, जिससे जंगल को नुकसान होगा। लोगों को आवागमन में भी परेशानी होगी।