सबसे अधिक गांव इन्ही दोनों विकासखंड के हैं , जहां भू-जल का स्तर औसतन 140 फीट नीचे चला गया है। हालांकि जिले में ऐसे गांवों की संख्या 170 चिन्हाकित की गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने भू जल स्तर नीचे जाने वाले गांवों में विकल्प के तौर पर 589 हैंडपंपों में सिंगल फेस पंप लगाकर पानी की व्यवस्था की गई है। वहीं 37 गांवों में स्पॉट सोर्स एवं 78 गांवों में नल जल योजना से पेयजल की व्यवस्था की गई है।
औसत की सीमा के करीब
जिले में जल स्तर का औसतन वर्तमान में 85 फीट है। यह औसत एक सौ तक पहुंचा तो पेयजल संकट और बढ़ जाएगा। इस औसत को रोकने के लिए जलस्रोतों का बचाव करना ही विकल्प है ।
जिले में जल स्तर का औसतन वर्तमान में 85 फीट है। यह औसत एक सौ तक पहुंचा तो पेयजल संकट और बढ़ जाएगा। इस औसत को रोकने के लिए जलस्रोतों का बचाव करना ही विकल्प है ।
20 की अनुमति , 20 प्रस्तावित
बिल्हा और तखतपुर विकासखंड में 20 नलकूप खनन के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति ली गई । बीस अन्य नलकूप खनन के लिए प्रस्ताव बनाकर आयोग को भेजा जा रहा है।
बिल्हा,तखतपुर सर्वाधिक प्रभावित
जिले में बिल्हा ,तखतपुर विकासखंड भू जल गिरने के मामले में सबसे अधिक प्रभावित है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।
प्रमोद कुमार कतलम,ईई , पीएचई,बिलासपुर