शुक्रवार को समाज के युवक-युवतियों का परिचय करवाया गया था। जिसमें 9 जोड़ों ने एक-दूसरे को पसंद किया। शनिवार को 9 जोड़ों का धूमधाम से विवाह सम्पन्न कराया गया। विवाह कार्यक्रम सुबह 10 बजे से प्रारंभ किया गया था। सभी जोड़ों के विवाह सम्पन्न कराने के लिए स्कूल मैदान में 5 मंडप तैयार करवाया गया था। जिसमें 5 पंडितों ने रीति-विधि से विवाह कराया। समाज के सदस्यों ने नवदंपत्ति को सोने का मंगलसूत्र, बिछिया, बैग, श्रृंगारदान, 5 बर्तन, दीवाल घड़ी, कपड़ा, पूजा सामग्री सहित अन्य घरेलू सामान उपहार स्वरुप प्रदान किया।
पांच वर्षों से किया जा रहा है आयोजन
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि दहेज जैसी कुरीतियों समाप्त करने के लिए हर वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। पिछले पांच वर्षों में अब तक सैकड़ों जोड़ों की शादी कराई जा चुकी है। नए जोड़ों को समाज के लोगों द्वारा उपहार स्वरुप घर-गृहस्थी के सामान दिए जाते हैं। इस सामूहिक विवाह में बिलासपुर, रायपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, तखतपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव सहित अन्य राज्यों से समाज लोग शामिल होते हैं।
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि दहेज जैसी कुरीतियों समाप्त करने के लिए हर वर्ष सामूहिक विवाह का आयोजन किया जाता है। पिछले पांच वर्षों में अब तक सैकड़ों जोड़ों की शादी कराई जा चुकी है। नए जोड़ों को समाज के लोगों द्वारा उपहार स्वरुप घर-गृहस्थी के सामान दिए जाते हैं। इस सामूहिक विवाह में बिलासपुर, रायपुर, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, तखतपुर, भिलाई, दुर्ग, राजनांदगांव सहित अन्य राज्यों से समाज लोग शामिल होते हैं।