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एफआईआर दर्ज होते ही दलेई भूमिगत, कभी भी गिरफ्तारी मुमकिन, यूटीडी में प्रवेश वर्जित

locationबिलासपुरPublished: Apr 20, 2019 04:16:21 pm

Submitted by:

Amil Shrivas

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय: छात्रा से अश्लील बातें व छात्रों को धमकाने का आरोप

Pravesh dalai

एफआईआर दर्ज होते ही दलेई भूमिगत, कभी भी गिरफ्तारी मुमकिन, यूटीडी में प्रवेश वर्जित

बिलासपुर. गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय की छात्रा से अश्लील बातें करने व छात्रों को धमकाने के आरोप में गुरुवार को निलंबित किए विधि विभाग के शिक्षक प्रवेश दलेई की मुश्किलें और बढ़ गयी हैं। पीडि़त छात्रा ने दलेई व दो अन्य एडहॉक शिक्षकों के खिलाफ कोनी थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है। अब इनकी गिरफ्तारी कभी भी संभव है। उधर विवि प्रशासन ने इस मामले में जांच कमेटी बनाने व यूटीडी- लॉ परिसर में दलेई के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय की विधि छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने 354 (घ) के तहत अपराध दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
अब किसी भी वक्त गिरफ्तारी हो सकती है। पुलिस ने जिस धारा के तहत जुर्म दर्ज किया है, इसमें अपराध सिद्ध होने पर सहायक प्राध्यापक दलेई को तीन वर्ष तक जेल की हवा खानी पड़ सकती है। इधर थाने में अपराध दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद से ही दलेई केअंडरग्राउंड हो जाने की खबर है।
प्रवेश दलई पूर्व आईएएस पीसी दलेई के बेटे हैं। कोनी पुुलिस ने कहा है कि पूछताछ के लिए आरोपी को थाने बुलाया जाएगा, गिरफ्तारी भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि सीयू के एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र दिव्यम ने प्रवेश दलेई पर पिछले एक वर्ष से उसे परेशान करने और क्लास की एक लड़की से दूर रहने के लिए लगातार धमकी देने की शिकायत कुलपति से की थी। साथ ही एडहाक शिक्षक रोहित रंजन और नितिन टोप्पो पर उसका साथ देने का आरोप लगाया था। गुरुवार को छात्रों के घंटों उग्र प्रदर्शन व दिव्यम की शिकायत पर विवि प्रबंधन ने आखिरकार देर रात आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की। सहायक प्राध्यापक दलेई को निलंबित व अन्य दो एडहॉक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गई।
विवि प्रशासन ने कहा कराएंगे जांच: विवि प्रशासन ने मामले की जांच कराए जाने की बात कही है। प्रभारी कुलसचिव प्रो. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता के 22 अप्रैल को आने के बाद कमेटी गठित की जा सकती है। फिलहाल वे शहर से बाहर हैं। जांच में किन बिंदुओं को शामिल किया जाएगा, इस पर विवि प्रशासन जानकारी देने से कतरा रहा है। क्या छात्रों द्वारा दी गई वीडियो काल की डिटेल व फोन काल डिटेल भी जांच में शामिल किया जाएगा। इस पर प्रभारी कुलसचिव स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
छात्र ने दलेई पर लगाए हैं संगीन आरोप
ला फस्र्ट ईयर के छात्र दिव्यम ने शिक्षक दलई पर पिछले एक वर्ष से मानसिक रुप से परेशान करने और बैच की एक छात्रा से दूर रहने का संगीन आरोप लगाया है। कहा है कि ऐसा नहीं करने पर कई बार उसके हाथ-पैर तुड़वाने की धमकी दी गई। साथ ही अटेंडेंस कम कर परीक्षा में शामिल नहीं होने व कैरियर खराब करने की चेतावनी कई बार फोन पर व सामने से दी गई। सहपाठियों को भी कई बार उसे मारने के लिए उकसाया।
पिछली कमेटियों जैसा न हो जाय हश्र
सीयू ने दो वर्ष पूर्व छात्रा द्वारा आत्महत्या किए जाने के प्रकरण में जांच कमेटी बनाई थी। इस बात के दो वर्ष बीत जाने के बाद भी कमेटी की रिपोर्ट तो छोड़ें, किन सदस्यों को कमिटी में शामिल किया गया था। इस बात तक की जानकारी अब तक उजागर नहीं की गई है। इसी प्रकार पिछले वर्ष अप्रैल में एक छात्र ने भी हास्टल में आत्महत्या की थी,इस प्रकरण में भी विवि प्रशासन ने पल्ला झाड़ लिया था।
354 (घ) के तहत सजा का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (घ) महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने पर लगाई जाती है। पुलिस अक्सर इन्हीं धाराओं के तहत मुक²मा दर्ज करती है। गलत इरादे से कोई व्यक्ति अगर किसी महिला का पीछा करता है और उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाना चाहता है, तो उक्त धारा के तहत कार्रवाई की जाती है। इसके तहत पहली बार दोषी पाए जाने पर अधिकतम 3 वर्ष की कैद व जुर्माना का प्रावधान है। अगर दूसरी बार इस तरह के प्रयास में आरोपी को गिरफ्तार किया जाता है तो उसे 5 वर्ष की सजा के साथ जुर्माना देना पड़ सकता है।
सख्त कार्रवाई की जाएगी
छात्रों की शिकायत पर विवि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सहायक प्राध्यापक प्रवेश दलेई व दो अन्य शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। पूरे मामले की जांच के लिए शीघ्र ही कमेटी गठित की जाएगी। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रो. शैलेंद्र कुमार, कार्यकारी कुलसचिव, सीयू

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