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संकट के दौरान जिन्होंने साथ दिया उन्हें ही स्वास्थ्य विभाग ने काम से बाहर कर दिया

locationबिलासपुरPublished: Jul 26, 2021 08:23:26 pm

Submitted by:

Ashish Gupta

कोरोना काल के दौरान अस्थाई रूप से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किए गए कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने कोरोना काल में उनकी सेवा लेने के बाद अब उन्हें काम से निकल दिया।

Health department of CG

संकट के दौरान जिन्होंने साथ दिया उन्हें ही स्वास्थ्य विभाग ने काम से बाहर कर दिया

बिलासपुर. कोरोना काल के दौरान अस्थाई रूप से स्वास्थ्य विभाग में भर्ती किए गए कर्मचारियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों का आरोप है कि जिला प्रशासन ने कोरोना काल में उनकी सेवा लेने के बाद अब उन्हें काम से निकल दिया। जिसकी वजह से अब कर्मचारियों पर आर्थिक संकट पैदा हो गया है। वहीं मामले में अपर कलेक्टर एनपी गवेल ने कहा कि जिला कलेक्टर सारांश मित्तर को जानकारी दे दी गईं है, आगे क्या निर्णय लेना है यह वही तय करेंगे।

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जिला प्रशासन और सीएमचओ के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंच गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ कर्मचारी पीपीई किट पहनकर और हाथों में तख्तियां लेकर भी पहुंचे थे। कर्मचारियों का कहना है कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में अभी भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, जिसे भविष्य में भरा भी जाना है। इसके साथ ही प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज और नए अस्पताल भी बनाने हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों को निकालने की बजाय स्थाई कर उनकी नियुक्ति की जाए। 22 जुलाई को इनकी भर्ती हुई थी।

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125 कर्मचारियों की हुई थी भर्ती
दरअसल कोरोना काल दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी करने और स्वास्थ्य स्टॉफ की कमी को पूरा करने के लिए अस्थाई रूप से नॄसग स्टाफ, लैब तकनीशियन वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और डॉक्टर के पदों पर अस्थाई रूप से भर्ती की गई थी। अस्थाई भर्ती केवल तीन महीने के लिए की गई थी और 3 महीने पूरे होने के बाद अब सभी कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है,

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