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जिला प्रशासन और सीएमचओ के विरोध में सोमवार को बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मचारी कलेक्ट्रेट पहुंच गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस दौरान कुछ कर्मचारी पीपीई किट पहनकर और हाथों में तख्तियां लेकर भी पहुंचे थे। कर्मचारियों का कहना है कि अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में अभी भी स्वास्थ्यकर्मियों की कमी है, जिसे भविष्य में भरा भी जाना है। इसके साथ ही प्रदेश में नए मेडिकल कॉलेज और नए अस्पताल भी बनाने हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों को निकालने की बजाय स्थाई कर उनकी नियुक्ति की जाए। 22 जुलाई को इनकी भर्ती हुई थी।यह भी पढ़ें: गजब! कुत्ते ने सुलझाई चोरी की गुत्थी, पेट्रोल पंप का मैनेजर ही निकला चोर, दो नाबालिगों संग ऐसे रची थी साजिश
125 कर्मचारियों की हुई थी भर्ती
दरअसल कोरोना काल दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी करने और स्वास्थ्य स्टॉफ की कमी को पूरा करने के लिए अस्थाई रूप से नॄसग स्टाफ, लैब तकनीशियन वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और डॉक्टर के पदों पर अस्थाई रूप से भर्ती की गई थी। अस्थाई भर्ती केवल तीन महीने के लिए की गई थी और 3 महीने पूरे होने के बाद अब सभी कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है,