उन्होंने जानना चाहा कि निजी अस्पताल की मशीनें कैसे चल रही हैं। जेडी डॉ. मधुलिका सिंह, सीएमओ डॉ. बीबी बोर्डे और सिविल सर्जन डॉ. एसएस भाटिया से कहा जिला अस्पताल और सिम्स की अव्यवस्था से हाल-बेहाल है, इसे अब बिलकुल नहीं ढोएंगे और न ही आम मरीजों की जान से खिलवाड़ होने देंगे। उन्होंने अफसरों से जानना चाहा कि आखिर सिम्स और जिला अस्पताल की ही मशीनें क्यों खराब होती है ? क्यों मरीजों को जांच के लिए निजी चिकित्सा संस्थानों में भेजा जाता है। मंत्री ने चेतावनी दी कि अब ऐसा बिलकुल नहीं चलेगा। मशीनें नहीं है टेक्निशियन नहीं है, तो प्रपोजल भेजिए उनकी नियुक्ति कीजिए। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यदि तत्काल में सिम्स और जिला अस्पताल में पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं नहीं है तो क्रिटिकल केस से पीडि़त मरीजों को बेस्ट चिकित्सा सेवा देने के लिए आसपास के सर्वसुविधायुक्त निजी अस्पतालों में समय रहते शिफ्ट कराइए हालत बिगडऩे पर नहीं शासन की 25 सों योजनाएं चल रही है केस को बिगाडकर भेजने के बजाए वहीं भेजिए शासन से भुगतान कराया जाएगा।