हाईकोर्ट ने 4 फऱवरी 2019 को यह नियम अपास्त किया था। अक्टूबर 2019 में शासन ने नया नियम 5 जारी किया। फिलहाल इस नए नियम पर स्थगन आदेश दिया गया है और सुनवाई लंबित है। याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से ध्यान दिलाया कि नया नियम 5 तो जारी कर दिया गया लेकिन शासन ने अपास्त किए नियम के आधार पर की गई कार्रवाई को निरस्त नहीं किया है।
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के इसी मामले पर 2016 में दिए गए फैसले का जिक्र करते हुए छत्तीसगढ़ में 1997 से अब तक प्रमोशन में मिले सभी रिजर्वेशन को पलटने की जरूरत रेखांकित की गई। याचिका में बताया गया है कि हाईकोर्ट के फैसले को पूरी तरह लागू करते हुए प्रमोशन रोस्टर खत्म करने के बजाय शासन द्वारा विधि-विरुद्ध नया रोस्टर लागू किया गया है।
चूंकि यह याचिका चार महीने पहले दाखिल की गई थी इसलिए चीफ जस्टिस ने कहा कि अवमानना नोटिस जारी करने से पहले राज्य शासन का पक्ष सुना जाना उचित होगा। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को आदेश दिया कि वह महाधिवक्ता कार्यालय को याचिका की एक प्रति उपलब्ध कराए ताकि वह शासन से वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ले सकें। अगली सुनवाई तीन हफते बाद होगी।