उक्त मामले में सभी पक्षों की गवाही पूरी होने के बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत आवेदन मंजूर कर ली है। रायपुर स्थित डीकेएस अस्पताल के संचालक केके सिहारे ने अस्पताल निर्माण के लिए आमंत्रित निविदा और उपकरणों की खरीदी में 50 करोड़ की गड़बड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए पुनीत गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 एवं विभिन्न गैरजमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज कराई गई थी।
उक्त मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि जिन धाराओं के तहत अपराध दर्ज कराई गई है, वो संगठित अपराध की धारा है, जिसे एक व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता। पुलिस को चाहिए कि मामले की तह तक जाए और गहराई से जांच करे। याचिकाकर्ता राजनैतिक बैकग्राउंड से ताल्लुक रखता है,
इसलिए उसे जानबूझकर फंसाया गया है। जस्टिस अरविंद सिह चंदेल की एकलपीठ ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिकाकर्ता की अग्रिम जमानत याचिका मंजूर करते हुए जमानत प्रदान कर दी है।