इस बार उलटी स्थिति है मानसून अंडमान में अटक गया। दरअसल मानसून के उत्तर भारत जाने का रास्ता छत्तीसगढ़ ही है। यहां के रास्ते ही मानसून उत्तर भारत की ओर बढ़ता है। 2007 में भी मानसून 20 जून के बाद पहुंचा था। इस बार भी ऐसी ही स्थिति निर्मित हो रही है। मौसम विभाग ने इस वर्ष सामान्य से 200 मिमी कम 1100 मिमी बारिश की संभावना जताई है। इन दिनों तीन सिस्टमों के एक साथ बनने के कारण मौसम का मिजाज बदला हुआ है। अगले 48 घंटों तक तेज हवाओं के साथ बूंदाबांदी की संभावना है। गुरुवार को पारे में अपेक्षाकृत कुछ कमी रही पर उमस से बुरा हाल हो गया। पारा 44.6 डिग्री रहा जो बुधवार के मुकाबले 1 डिग्री कम है। 10 जून तक पारा 44 से 46 डिग्री के आसपास व बूंदाबांदी के साथ धूप-छांव का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान गरज-बरस के साथ कुछ स्थानों पर छींटे पडऩे की आशंका जताई जा कही है।
बना है चक्रवाती घेरा
इस समय दक्षिणी पूर्व उत्तरप्रदेश के ऊपर हवा का चक्रवाती घेरा बना हुआ है व पूर्वी मध्यप्रदेश से लेकर उत्तरी कर्णाटक तक द्रोणिका भी बनी हुई है। साथ ही आंध्रप्रदेश, दक्षिणी ओडि़सा व तटीय बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा का चक्रवाती घेरा भी है। इसके कारण ही छत्तीसगढ़ के साथ एमपी का मौसम बदला हुआ है। अगले 48 घंटों तक अंधड़ के साथ बूंदाबांदी की संभावना मौसम विभाग ने जताई है।
शहर- अधि -न्यू.
बिलासपुर- 44.6-31.9
रायपुर- 44.6- 31.5
पेंडा्र रोड- 42.7-25.2
दुर्ग- 43.6-27.2
जगदलपुर- 34.9-27.7
अंबिकापुर- 42.8-30
राजनांदगांव- 44- 31