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राष्ट्रपति के हाथ से दो गोल्ड मेडल पाने वाली क्वीनी ने कैसे पाई ये उपलब्धी

locationबिलासपुरPublished: Mar 02, 2020 08:00:45 pm

Submitted by:

Murari Soni

GGU convocation: दो गोल्ड मेडल पाने वाली क्वीनी ने कहा सफलता से ज्यादा खुश न हो असफल हुए तो मायूस होने की जरुरत नहीं…

राष्ट्रपति के हाथ से दो गोल्ड मेडल पाने वाली क्वीनी ने कैसे पाई ये उपलब्धी

राष्ट्रपति के हाथ से दो गोल्ड मेडल पाने वाली क्वीनी ने कैसे पाई ये उपलब्धी

बिलासपुर. योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करने से सफलता जरूर कदम चुमती है। साथ ही बेहतर नतीजे पाने के लिए बेसिक पर ध्यान देना जरूरी है। यदि पहली बार में असफल हो गए निराश होने की जरूरत नहीं है। पहले की तुलना में ज्यादा लगन के साथ तैयारी कीजिए। परिणाम उम्मीद से बेहतर मिलेगा।
यह कहना है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों से दो गोल्ड मेडल पाने वाली गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय की बीएससी मैथेमेटिकल्स ऑनर्स की छात्रा क्वीनी यादव का। बीते दिनों गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने क्वीनी को दो मेडल देते हुए कहा था कि आपके माता-पिता ने आपका नाम क्वीनी रखा है, लेकिन अब आप क्वीन हो गई हैं। मेयर रामशरण यादव के बंगले में गोल्ड मेडल झटकने के लिए की गई तैयारी का क्वीनी ने खुलासा किया। उनका कहना है कि रोजाना 8-10 घंटे तक लगातार पढ़ाई करने की जरूरत नहीं है, लेकिन अच्छे अंक लाने के लिए पढऩा भी जरूरी है।
उन्होंने सिलेबस के आधार समय निर्धारित किया और उसी समय में उस सिलेबस को याद भी कर लिया। क्वीनी का कहना है कि किसी भी परीक्षा में सभी के सामने कठिनाई आती है, लेकिन उन्होंने कठिनाई को अपनी सफलता का रास्ता मान लिया और उस रास्ते पर ही अडिग रहीं। देश के युवाओं को उन्होंने संदेश देते हुए कहा कि सफलता और असफलता एक सिक्के के दो पहलू हैं। अगर हम पहली ही बार में सफल हो जाते हैं तो ज्यादा उत्साहित या खुश होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि आगे हमारे सामने और कई कठिनाइयां आएंगी, जिसका हमें मुकाबला करना है।
अपनी सफलता का श्रेय इन्हें दिया

क्वीनी अपनी सफलता का श्रेय सबसे पहले अपने गुरुओं को देती हैं। उनका कहना है कि गुरुओं के मार्गदर्शन और प्रेरणा के बिना यह संभव नहीं था। इसके अलावा माता-पिता और बड़ी बहन ने भी उनका भरपूर साथ दिया। टीचर की नौकरी करने के बावजूद उनकी मां ने उन्हें घर के कामकाज से दूर रखा। बड़ी बहन भी उनकी हेल्फ करती थीं।
यूपीएससी में जाना चाहती हैं
क्वीनी ने अभी से अपना लक्ष्य तय कर लिया है। वह यूपीएसपी फाइट कर देश और समाज की सेवा करना चाहती हैं। इसके लिए उन्होंने अभी से दिल्ली में कोचिंग शुरू कर दी है। एक माह में कोचिंग भी पूरी हो जाएगी।
..जानिए क्वीनी यादव के बारे में..

मूलत : कुसमुंडा निवासी क्नीनी यादव की मां उषा यादव एसईसीएल के स्कूल में टीचर हैं। पिता अरुण यादव व्यवसायी हैं। एक भाई और तीन बहनों में क्वीनी सबसे छोटी है। पढ़ाई की शुरुआत से ही मेधावी छात्रा रहीं क्वीनी को 10वीं में 10सीजीपीए, 12वीं में 90.6 प्रतिशत और ग्रेजुएशन 94 प्रतिशत अंक मिले हैं।
राष्ट्रपति के हाथ से दो गोल्ड मेडल पाने वाली क्वीनी ने कैसे पाई ये उपलब्धी
मेयर रामशरण यादव ने किया सम्मान
क्वीनी ने एक साथ दो गोल्ड मेडल लेकर यादव समाज का नाम रोशन किया है। इसकी जानकारी मिलते ही मेयर रामशरण यादव ने क्वीनी यादव से संपर्क किया और उन्हें अपने बंगले में बुलाया। क्वीनी अपने पिता, माता, बहन के साथ सोमवार दोपहर मेयर बंगला पहुंची थीं, जहां मेयर यादव ने उन्हें साल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया और कहा कि यही लगन और मेहनत हमेशा बरकरार रखना और समाज का नाम आगे भी रोशन करते रहना। राष्ट्रपति के हाथों दो गोल्ड मेडल लेने के बाद पूरे समाज और देश की नजर आप पर है। इसलिए अब पहले से ज्यादा मेहनत करनी होगी, ताकि समाज और देश ने जो उम्मीदें आप पर लगा रखी हैं, वह टूटे ना।
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