कौशल विकास प्रकोष्ठ के नोडल अधिकारी डॉ. राजेश भूषण ने बताया कि ग्रामीण प्रौद्योगिकी विभाग में अनेक प्रकार के स्वरोजगार उन्मुखी कार्यक्रम के तहत कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं। तथा हर्बल साबुन उत्पादन विषय पर प्रथम बार कार्यशाला आयोजित की गई है। सहायक प्राध्यापक डॉ. देवेन्द्र सिंह पोर्ते ने विद्यार्थियों को बताया कि व्यापारिक साबुन निर्मांण में अत्याधिक मात्रा में सोडियम व पोटेशियम हाइड्राक्साइड के साथ अनेक रासायनो का उपयोग किया जाता है जबकि हर्बल साबुन निर्माण में अत्याधिक मात्रा में कार्बनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है।
ग्रामीण प्रौद्योगिकी एंव सामाजिक विकास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पुष्पराज सिंह ने विद्यार्थियों को साबुन निर्मांण के साथ उसके लागत की गणना व विपणन के तरीकों के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। इस दो दिवसीय कार्यशाला में विभाग के छात्रों ने शिक्षकों ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।