बिलासपुर

पिछले दरवाजे से जाता हूं घर, बाहर में एक कमरा मिला है, एक टेबल है जिस पर भोजन करता हूं- डा. पंकज टेंभूनिकर

परिवार से हर चीज अलग लेकिन परिवार का पूरा मिल रहा सहयोग

बिलासपुरApr 08, 2020 / 07:13 pm

yogesh vishwakarma

पिछले दरवाजे से जाता हूं घर, बाहर में एक कमरा मिला है, एक टेबल है जिस पर भोजन करता हूं- डा. पंकज टेंभूनिकर

बिलासपुर. छत्तीसगढ आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर पंकज टेम्भूनिकर सिम्स के कोरोना वार्ड के प्रभारी हैं वे 14 घंटा से ज्यादा अस्पताल में मरीजों के बीच रहते हैं। डाक्टर ने बताया जब से कोरोना वार्ड में मेरी ड्यूटी लगी है हर चीज घर से अलग हो गया है। परिवार का साथ तो रहता है लेकिन मेरा हर चीज अलग कर दिया गया है। मुझे घर के मुख्य द्वार से एन्ट्री नहीं मिलती है, जब घर जाता हूं तो पीछे के दरवाजा खोला जाता है। बाहर के बाथरूम में कपड़ा, नहाने का साबुन ब्रश पेस्ट आदि रख दिया गया है। मुझे सोने के लिए बाहर का अलग कमरा दिया गया है। वहीं बाहर एक टेबल है जिसमें सुबह का नास्ता और दोपहर का भोजन परोस दिया जाता है। अपना कपड़ा स्वयं धोता हूं, कमरे में एन्ट्री करने के पहले पूरा कपड़ा बाथरूम में उतारना पड़ता है।
ठीक तो नहीं लगता, पर डॉक्टर हूं

पिछले 20 दिन से अपने परिवार वालों से दूर से बात करता हूं किसी को स्पर्श नहीं कर पाता। लेकिन इस काम के लिए मेरे घर वालों ने कभी रोका टोका नहीं है। प्रतिदिन मेरे घर वाले मेरे हौसला बढाते हैं। मुझे मेरी पत्नी और बच्चे कहते हैं कोरोना से डट कर मुकाबला करना है यह हमारे लिए एक जंग है इससे जीत हासिल करना है। मेरे हौसला बढ़ाने में सबसे बड़ा हाथ मेरी पत्नी का रहता है। पिछले कई दिनों से परिवार से अलग रह रहा हूं। कुछ दिनों तक ठीक नही लग रहा था लेकिन मैं डॉक्टर हूं, सेवा ही मेरा पेशा है।
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