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माखनलाल चतुर्वेदी ने इस जेल में बैठकर लिखी थी पुष्प की अभिलाषा कविता

locationबिलासपुरPublished: Aug 14, 2019 11:28:46 am

Submitted by:

Murari Soni

Independence day 2019: पुष्प की अभीलाषा तो आप सभी सुनी और पढ़ी होगी पर क्या आप जानते हैं कि कविता क्यों और कहां लिखी गई थी।

Independence day 2019: pushp ki abhilaasha kavita

मानखलाल चतुर्वेदी ने इस जेल में बैठकर लिखी थी पुष्प की अभिलाषा कविता

बिलासपुर. पुष्प की अभीलाषा तो आप सभी सुनी और पढ़ी होगी पर क्या आप जानते हैं कि कविता क्यों और कहां लिखी गई थी। नहीं जानते तो हम बताते हैं, बिलासपुर के सेंट्रल जेल में(Freedom fighter) स्वतंत्रता संग्राम सेनानी(Independence day 2019) मानखलाल चतुर्वेदी(Mankhalal Chaturvedi)के हृदय इस कविता का उद्गार हुआ था।
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बिलासपुर का ये सेंट्रल जेल गवाह है आजादी के उस संघर्ष का जिसमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अंग्रेजों की कई यातनाएं झेलीं। ये सेंट्रल जेल हमारी आजादी से जुड़ी यादों को सजोए बैठा है। जब देश में अंग्रेजी हुकूमत की खिलाफत हो रही थी तब इसी जेल की माटी देशभक्तों के कदम चूूम रही थी।
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इस जेल में सैंकड़ों स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने आजादी के लिए सजा काटी। इसी जेल में मानखलाल चतुर्वेदी के हृदय से पुष्प की अभिलाषा के उद्गार फूटे थे। सेनानियों की याद में जेल परिसर में एक स्तंभ बनाया गया है जिसमें सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज किए गए हैं।
बिलासपुर सेंट्रल जेल में 250 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की याद को स्मारिका के रुप में सजाया गया है। जेल प्रबंधन एक रजिस्टर भी मेनटेन किए हुए है। इस रजिस्टर में 15 दिन से 8 महिने और 2 साल तक सजा काटने वाले सेनानियों के नाम दर्ज है।
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